मुंबई (मिड-डे)। बॉलीवुड में करीब एक डेकेड पुराने करियर के बारे में बात करते हुए स्वरा भास्कर कहती हैं, 'इसने मुझे हील्स में एकदम सीधा चलना सिखाया है।' 'जेएनयू' जैसे रेप्युटेड इंस्टिट्यूशन की डिग्री हासिल करने वाली इस एक्ट्रेस ने बीते 10 सालों में पर्दे पर अनकन्वेंशनल रोल्स करने की हिम्मत दिखाई है। अपने इस सफर को याद करते हुए उनका कहना था, 'यहां मैं किसी को नहीं जानती थी, मेरे कॉन्टैक्ट्स नहीं थे, कोई कनेक्शन नहीं था, सिवाय राइटर अंजुम राजाबली के जिनके ऑफिस में मैं रहा करती थी।'

निराश हो गई थीं करियर से

इस एक्ट्रेस ने कई मूवीज में छोटे-छोटे रोल्स से अपनी छाप छोड़ी थी पर उनका कहना है कि रांझणा (2013) उनके करियर के लिए गेम चेंजर साबित हुई थी। उन्होंने बताया, 'रांझणा की रिलीज से पहले मैं अक्सर खुद से पूछती थी, 'क्या मुझे यह सब बंद करके वापस दिल्ली लौट जाना चाहिए?' पर खुशकिस्मती से अच्छा काम और जिन अपॉच्र्युनिटीज से खुद को जोड़ा जा सकता है, वे मेरे पास लगातार आती रहीं।'

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मेहनत का मिला है ईनाम

बात चाहे 'वीरे दी वेडिंग' की हो या 'अनारकली ऑफ आरा' जैसी मूवी की हो, स्वरा ने कॉमर्शियल और 'मिडल-ऑफ-द-रोड' सिनेमा के बीच कमाल का बैलेंस बनाया है। वह बताती हैं, 'मैं खुद को खुशनसीब मानती हूं कि मैं अपनी शर्तों पर काम करने में कामयाब रही हूं। मैंने ज्यादातर ऐसी स्क्रिप्ट्स चुनी हैं जिन्होंने मुझे एक आर्टिस्ट के तौर पर ग्रो करने में मदद की है। भले ही मेरा सफर थका देने वाला रहा हो पर इसने अच्छा ईनाम भी दिया है।'

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