- निजी अस्पताल में कराया गया एडमिट

LUCKNOW: बीएसपी नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा बेटी के लिये की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध कर चर्चा में आई बीजेपी के निष्कासित नेता दयाशंकर की पत्नी स्वाती सिंह की मंगलवार को अचानक हालत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें आनन-फानन हॉस्पिटल में एडमिट कराना पड़ा। परिजनों का कहना है कि एफआईआर दर्ज कराने के बावजूद पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने से स्वाती बेहद हताश हैं।

तेज बुखार और लो ब्लड प्रेशर

स्वाती सिंह के भाई पुनीत ने बताया कि मंगलवार सुबह स्वाती की हालत अचानक बिगड़ गई। तेज बुखार और लो ब्लड प्रेशर के चलते उन्होंने अपनी सुध-बुध खो दी। घबराये परिजनों ने उन्हें डालीगंज स्थित निजी हॉस्पिटल में एडमिट कराया। जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। पुनीत ने बताया कि स्वाती द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। साथ ही राज्यपाल से शिकायत के बावजूद अब तक हजरतगंज पुलिस ने दर्ज मुकदमे में पॉक्सो की धारा नहीं बढ़ाई। इसे लेकर स्वाति बीते दो दिनों से बेहद परेशान हैं। सोमवार रात से उनका ब्लड प्रेशर भी लो हो गया। मंगलवार को हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। उनका इलाज कर रहे डॉ। केएम सिंह ने बताया कि स्वाती को तेज बुखार, लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है। उन्हें सघन निगरानी में रखा गया है।

दयाशंकर की हाईकोर्ट से गुहार

एफआईआर खारिज कराने हाईकोर्ट पहुंचे दयाशंकर

पूर्व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह ने हाईकोर्ट की शरण ली है। मंगलवार को अचानक लखनऊ बेंच में याचिका दायर कर बसपा प्रमुख मायावती पर अपमानजनक टिप्पणी के मामले में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी है। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर भी रोक लगाने की मांग की है। 28 जुलाई को न्यायमूर्ति अजय लाम्बा व न्यायमूर्ति रविंद्र नाथ मिश्रा (द्वितीय) की खंडपीठ में इसकी सुनवाई संभव है।

दावा, निर्दोष हैं दयाशंकर

हाईकोर्ट में दयाशंकर की याचिका पर भाजपा के विधि प्रकोष्ठ के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक व वरिष्ठ अधिवक्ता राघवेंद्र सिंह उनका पक्ष रखेंगे। दयाशंकर सिंह की ओर से याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता दिलीप कुमार श्रीवास्तव के अनुसार याचिका में कहा गया है कि दयाशंकर सिंह निर्दोष हैं। रिपोर्ट से स्पष्ट है कि उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता। यह भी तर्क दिया गया है कि घटनास्थल मऊ है तो लखनऊ में प्राथमिकी कैसे दर्ज की जा सकती है। साथ ही एससी-एसटी अधिनियम के तहत भी कोई अपराध नहीं बनता। याचिका के अनुसार दयाशंकर को राजनीतिक रंजिश की वजह से फंसाया जा रहा है और केस की निष्पक्ष विवेचना होनी चाहिए।

हसनगंज में पांच और मुकदमे

पुलिस की छानबीन में दयाशंकर के खिलाफ हसनगंज कोतवाली में दर्ज पांच मुकदमे अब तक सामने आए हैं। इनमें एक ऐसा भी है, जिसमें दयाशंकर के खिलाफ कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की कोर्ट में चल रहे इस मामले में अग्रिम सुनवाई तीस 30 जुलाई को होनी है। वर्ष 1995 में लखनऊ विश्वविद्यालय के तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष ने दयाशंकर के खिलाफ धोखाधड़ी, मारपीट, जान से मारने की धमकी सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें वर्ष 2013 में ट्रायल शुरू हुआ था। आइजी जोन ए.सतीश गणेश के मुताबिक पुलिस यह तैयारी इसलिए कर रही है ताकि कोर्ट में दयाशंकर की जमानत का विरोध किया जा सके। पुलिस की एक टीम गैरजमानती वारंट को तामील कराने बलिया स्थित उनके आवास भेजी गई है, ताकि कुर्की के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की जा सके।

मां के बयान दर्ज नहीं

उधर पुलिस अब तक बसपा सुप्रीमो मायावती सहित अन्य बसपा नेताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने वाली दयाशंकर सिंह की मां तेतरा देवी के बयान नहीं दर्ज कर सकी है। अब विवेचक ने तेतरा देवी को नोटिस देकर बयान दर्ज कराने का आग्रह किया है। पुलिस ने तेतरा देवी से साक्ष्य के तौर पर सीडी भी मांगी है। दूसरी ओर पुलिस दयाशंकर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने वाले बसपा के राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम के बयान दर्ज कर चुकी है।

तैयार हो रही मास्टर सीडी

हजरतगंज चौराहे स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर 21 जुलाई को बसपा के प्रदर्शन की कई रिकार्डिग पुलिस के पास है। अब सभी को मिलाकर एक मास्टर सीडी तैयार कराई जा रही है। रिकार्डिग करने वाले कैमरामैन को गवाह बनाने की भी तैयारी है।

नसीमुद्दीन की अरेस्टिंग नहीं हुई तो घेरेंगे विधानसभा

दयाशंकर सिंह की पत्नी, मां और बेटी के अपमान के विरोध में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने मंगलवार को राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर नसीमुद्दीन सिद्दीकी की गिरफ्तारी की मांग की है। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष उदय शंकर सिंह और महासचिव पुष्पा सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी आवास पहुंचा और एसीएम फ‌र्स्ट संतोष कुमार कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि अरेस्टिंग नहीं की गई तो आगामी 29 जुलाई को महासभा के कार्यकर्ता विधानभवन का घेराव करेंगे।