- अंधविश्वास का सहारा लेकर पब्लिक को खुलेआम बेवकूफ बना रहे हैं बाबा और सूफी

- फर्जी जड़ी बूटियों का सहारा लेकर गंभीर बीमारियों के इलाज का कर रहे हैं दावा

Meerut : पढ़ने-लिखने, प्यार करने और जॉब इंटरव्यू देने की कोई जरूरत नहीं है। आपको डिग्री, प्रेमिका और नौकरी घर बैठे मिल जाएगी। वहीं अगर आपका किसी बीमारी का इलाज नहीं हो रहा है तो यहां तो बिल्कुल हो जाएगा। बस इसके लिए थोड़े से पैसे खर्च करने पड़ेंगे। ढोंगी बाबा और तांत्रिक अगर ऐसा दावा करते हैं तो वह गलत नहीं हैं। दरअसल, दोष पब्लिक का है जो अंधविश्वास में पड़कर आसानी से उनके झांसे में आ जाती है। पीके ये सब देखकर बहुत ज्यादा हैरान-परेशान है। जब उसने सच्चाई का पता लगाने के लिए ढोंगी बाबाओं से बात की तो हकीकत खुद ब खुद सामने आ गई। इन लोगों ने तंत्रमंत्र और पूजापाठ के बदले पैसे की मांग की और दावा किया कि आपकी समस्या एक झटके में दूर हो जाएगी। जब पीके बने रिपोर्टर ने पलटकर सवाल कि या तो उन्होंने कन्नी काटने में ही भलाई समझी।

पोस्टर पर मोबाइल नंबर देखा और आ गया आइडिया

नौकरी पानी है तो इंटरव्यू देना पड़ता है, डिग्री के लिए दिन-रात पढ़ाई करनी पड़ती है और लड़की पटाने के लिए प्यार करना पड़ता है। अगर कोई बीमारी हो तो अच्छे से अच्छे और क्वालिफाइड डॉक्टर्स को दिखाना पड़ता है। लेकिन, पीके ने देखा कि सड़कों, लावारिस दीवारों और सड़के के किनारे तंबू गाड़े लोग यह सभी चीजें पलक झपकते ही दिए जाने का दावा किया जा रहा है। इसके लिए रेट भी फिक्स कर दिए गए हैं। और तो और, इनके पास भक्तों की कमी भी नहीं है। सच्चाई का पता लगाने के लिए पीके ने इन बाबाओं के नंबरों पर फोन किया तो हकीकत सामने आ गई। इन्हें तो केवल पैसे से मतलब था, आपकी समस्या से इनको कोई लेना देना नहीं है।

सब फ्राड है, नाम भी गलत

ऐसे ढोंगी बाबाओं की पहचान करना बेहद मुश्किल होता है। सड़कों पर अटे पोस्टरों पर जो नाम में वह केवल अपना मोबाइल नंबर ही छपावते हैं। नाम, पता, ठिकाने का कोई लिखित प्रमाण नहीं होता। अगर होता भी है तो वो भी गलत। पूजा-पाठ के लिए भी नहीं बुलाते हैं। बावजूद इसके इनका धंधा फल-फूल रहा है। यह वशीकरण और मनोकामना पूर्ण करने के नाम पर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। और तो और, इनके पास एक साथ कई बैंकों के एकाउंट नंबर मौजूद हैं। अंधविश्वास और पूजा-पाठ के नाम पर यह चूना लगाने में जरा भी नहीं हिचकते हैं।

फ्भ्00 रुपए में वश में हो जाएगी प्रेमिका

नाम : सूफी जी

मोबाइल नंबर : 97क्9008***

पीके : हैलो

बाबा : हैलो कौन बोल रहा है?

पीके : मैं रजत बोल रहा हूं।

बाबा : बताइए, क्या समस्या है?

पीके : जी मैंने आपका पोस्टर देखा था। मुझे एक लड़की को अपने वश में करना है?

बाबा : क्या हुआ, कौन है वह लड़की, क्या आपका एकतरफा प्यार है?

पीके : हां, क्या मेरा काम हो पाएगा?

बाबा : उस लड़की का नाम, माता या पिता में से किसी एक का नाम बता दो, मैं यहां से वशीकरण मंत्र फूंक दूंगा। उसका तुरंत असर होगा। वह लड़की खुद तुम्हारे पास आ जाएगी।

पीके : कितने पैसे लगेंगे?

बाबा : फ्भ्00 रुपए में काम हो जाएगा। रुपया मेरे बैंक एकाउंट में जमा करा दो, पैसे आते ही मैं यहां वशीकरण मंत्र फूंक दूंगा। घर बैठे आपका काम हो जाएगा।

पीके : ठीक है मैं कल पैसा जमा करा दूंगा, आप अपना बैंक एकाउंट नंबर दे दीजिए।

बाबा : जब पैसा भेजना हो तो फोन कर देना। तभी एकाउंट नंबर बता दूंगा।

जल्द खिल जाएगी घर में बच्चे की किलकारी

बाबा का नंबर : 9भ्ब्8भ्फ्7***

पीके : हलो

बाबा : हलो, कौन बोल रहा है?

पीके : जी मैं सौरभ बोल रहा हूं

बाबा : बताइए क्या काम है आपको

पीके : मेरी शादी को आठ साल हो चुके हैं। लेकिन बच्चा पैदा नहीं हो पा रहा है। आपके पास कोई इलाज है?

बाबा : जी, क्यों नहीं। आप अपनी वाइफ को लेकर कल आ जाइए। आपकी वाइफ और आपको दवा दे दी जाएगी। हमारे यहां लेडी डॉक्टर भी है जो आपकी वाइफ को ट्रीट करेगी। लेकिन आपको बैंक में रुपया जमा कराना होगा। ख्भ्भ्0 रुपए लगेंगे।

पीके : बैंक खाता और अपना नाम बता दीजिए?

बाबा : नाम से क्या करना है? जो दवाखाने का नाम है उसी में करा दीजिए। जब पैसे डालना हो तो बता देना। जिस बैंक में तुम्हारा खाता होगा उसी का नंबर दे दूंगा। तुम्हें कहीं जाना नहीं होगा।

पीके का सवाल

अगर लाइफ में सभी चीजें केवल तंत्रमंत्र, अंगूठी और तांत्रिक विद्या से मिल जातीं तो कोई क्यों परिश्रम करता? अगर भगवान पूजा-पाठ से प्रसन्न होकर हमारी मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं तो हम सीधे उनसे फरियाद क्यों न करें। आखिर उनके एजेंट के पास जाकर रांग नंबर लगाने से क्या फायदा है? जो लोग पैसे लेकर हमारी इच्छाएं पूर्ण करने का दावा करते हैं, खुद की इच्छाएं क्यों नहीं पूरी कर लेते? अगर सभी बीमारियों का इलाज कर सकते हैं तो क्यों उन लोगों बड़े से बड़े हॉस्पिटल अपने यहां क्यों नहीं रख लेते? उन्हें क्यों सड़क के किनारे पर अपने तंबू लगा देते हैं?