-सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए डीएम व सीएमओ की बैठक ली

-कहा, सीजनल बीमारियों के लिए न हो मेडिसिन का टोटा

देहरादून, सरकार को डेंगू से निपटने में पसीने छूट रहे हैं। लेकिन एच-1 एन-1 इन्फ्लुएजा को लेकर अभी से निपटने का दावा किया जा रहा है। वेडनसडे को सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एच-1 एन-1 इन्फ्लुएंजा के बारे में पब्लिक अवेयरनेस चलाने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा है कि मौसमी बीमारियों से बचाव व उपचार की तैयारियां पहले से ही कर ली जानी चाहिए।

स्वाइन फ्लू कैंपेन चलाया जाए

सीएम ने वेडनसडे को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों की बैठक ली। सीएम ने कहा कि सर्दियों में फैलने वाले इस इन्फ्लुएंजा से बचाव की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाई जाए। खासकर स्कूलों पर फोकस किया जाए। मोटिवेट किया जाए। इस समीक्षा बैठक में सभी डीएम व सीएमओ भी मौजूद रहे। सीएम ने कहा कि एच-1 एन-1 इन्फ्लुएंजा को लेकर आम लोगों में भय न हो, इसके लिए बीमारी और इससे बचाव के उपायों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। सीएम ने ट्रीटमेंट के लिए आवश्यक मेडिसिन की उपलब्धता होने के भी निर्देश दिए। बताया गया कि एच-1 एन-1 इन्फ्लुएंजा एक सामान्य किस्म का इन्फ्लुएंजा है। जिससे घबराने की जरूरत नही है। इसके पेशेंट का बहुत कम प्रतिशत होता है, जिन्हें एडमिट कराए जाने की जरूरत पड़ती है। इसमें सामान्य सर्दी, जुखाम जैसे लक्षण ही होते हैं। घर पर ही इसका ट्रीटमेंट हो जाता है। मार्केट में इसकी मेडिसिन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। लेकिन ये मेडिसिन केवल डाक्टर का पर्चा दिखाने पर ही दी जा सकती है। केवल डायबिटिज, दमा आदि के पेशेंट्स व उम्रदराज लोगों को सावधानी बरतनी होती है। ज्यादा से ज्यादा लिक्विड पदार्थ व पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। इस दौरान सीएम ने सभी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटलों व हेल्थ सेंटर्स की जानकारी भी ली।

गायब डॉक्टर्स की लिस्ट मांगी

सीएम ने कहा कि जो डॉक्टर्स लंबे समय से गायब चल रहे हैं, उनकी लिस्ट उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि टेली मेडिसिन व टेली रेडियोलॉजी पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। जहां तक संभव हो, हेल्थ सेंटर्स को टेली मेडिसिन के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल्स से जोड़ा जाए। आकलन किया जाए कि स्टेट में टेली मेडिसिन से लोगों को कितना लाभ मिल रहा है।

प्रमुख बातें

-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में आईसीयू के काम में तेजी लाई जाए।

-जरूरत पड़ने पर आवश्यक स्टाफ की व्यवस्था भी सुनिश्चित हो।

-हाई रिस्क प्रेगनेंसी के मामलों पर नजर रखी जाए।

-90 प्रतिशत संस्थागत प्रसव के लक्ष्य को हासिल किया जाना जरूरी

रुद्रप्रयाग डीएम की नई पहल 'मां'

बैठक में डीएम रुद्रप्रयाग ने कहा कि हाई रिस्क प्रेगनेंसी पर लगातार नजर रखने के लिए उनके द्वारा 'मां' नाम से एप बनाया गया है। इसमें आशा कर्मचारी प्रेगनेंट महिला की जानकारी शेयर करती हैं। जिसका मैसेज डीएम, सीएमओ व संबंधित मेडिकल ऑफिसर तक पहुंच जाता है। इसका पूरी तरह फॉलोअप किया जा रहा है। जबकि प्रेगनेंट महिला को जरूरी जानकारियां दी जाती हैं। खास बात यह है कि प्रसव की संभावित डेट से 10 दिन पहले डीएम, सीडीओ तक मैसेज पहुंच जाता है। इससे इंस्टीट्यूशनल व सेफ डिलीवरी सुनिश्चित हो पाती है। बताया कि ऐसे ही 'प्रत्याशा' के नाम से एक 6 बेड का स्पेशल वार्ड बनाया गया है। यहां घर जैसा माहौल दिया जाता है। इससे लोगों को किराए पर कमरा नहीं लेना पड़ता है। सीएम ने कहा कि ऐसी पहल सभी डिस्ट्रिक्ट में होनी चाहिए। इस दौरान हेल्थ सेक्रेटरी नितेश झा, अपर सचिव डा। पंकज पांडे आदि मौजूद रहे।