-बस अड्डे, एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर नहीं हैं मॉनीटरिंग के इंतजाम

-रोजाना लाखों की संख्या में आते हैं यात्री, मेट्रो सिटीज से है जबरदस्त कनेक्टिविटी

<-बस अड्डे, एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर नहीं हैं मॉनीटरिंग के इंतजाम

-रोजाना लाखों की संख्या में आते हैं यात्री, मेट्रो सिटीज से है जबरदस्त कनेक्टिविटी

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: मौसम बेईमान हो चुका है। स्वाइन फ्लू का प्रकोप चरम पर है। ऐसे में अपनी सुरक्षा खुद की जा सकती है। खासतौर से भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सावधान रहने की जरूरत है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डा और एयरपोर्ट ऐसे प्लेसेज हैं जहां इस जानलेवा बीमारी के संक्रमण के बहुत ज्यादा चांसेज होते हैं। बावजूद इसके शासन-प्रशासन ने जांच के कोई इंतजाम नहीं किए हैं। जबकि, रोजाना हजारों-लाखों की संख्या में बाहर से यात्री शहर में आते हैं।

नहीं हैं जांच के इंतजाम

शहर में स्वाइन फ्लू का पहला मरीज सामने आने से लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। डॉक्टर्स भी उन्हें भीड़भाड़ वाली जगहों से बचने की सलाह देने में लगे हैं। वहीं हकीकत कुछ और है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और एयरपोर्ट पर बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच के कोई इंतजाम नहीं हैं। यात्री बेधड़क शहर में दाखिल हो सकते हैं। इनमें से किसी को संक्रमण हुआ तो उससे बचाव करना मुश्किल साबित हो सकता है। बता दें कि इससे पहले ख्009 में बीमारी का प्रकोप होने पर दिल्ली एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर जांच के लिए सेंसर लगाए गए थे। जो फीवर से पीडि़त यात्री को आइडेंटिफाइ कर लेते थे।

इन शहरों से आ सकता है खतरा

देशभर में वर्तमान में स्वाइन फ्लू ने अपने पैर पसार लिए हैं। सर्वाधिक मरीज दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, अलीगढ़ समेत महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में मिल रहे हैं। इलाहाबाद की वाया रेलवे और रोड से इन सभी स्थानों से जबरदस्त कनेक्टिविटी है। यहां से भारी संख्या में यात्री शहर में आते हैं। अगर इनकी प्रॉपर जांच नहीं की गई तो संक्रमण तेजी से फैल सकता है। इसके अलावा लोगों को खुद भी सावधानी बरतने की जरूरत है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एयरपोर्ट पर तो बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच की जा सकती है लेकिन रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर बहुत ज्यादा यात्री होते हैं। इनके एग्जिट गेट पर सेंसर सिस्टम लगाकर फीवर वाले मरीजों की पहचान की जा सकती है। मेरा मानना है कि यात्रा के दौरान अपने सहयात्री पर ध्यान देने की जरूरत है। अगर उसकी तबियत ज्यादा नाजुक है तो इसकी सूचना आसपास के स्टेशन पर देनी चाहिए। जो लोग बीमारी से ग्रसित हैं, उन्हें भी यात्रा से परहेज करना जरूरी है। यह भी बता दूं कि हर फ्लू, स्वाइन फ्लू नहीं होता है। अगर किसी में लक्षण मिल रहे हैं या वह संक्रमण वाले इलाकों से आया है तो उसकी जांच कराएं, अन्यथा सामान्य फ्लू आसानी से ठीक किया जा सकता है।

डॉ। मनोज माथुर, सचिव, इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन

एमएनएनआईटी सतर्क, जारी एडवाइजरी

आईआईआईटी की बीटेक स्टूडेंट में बीमारी के लक्षण पाए जाने के बाद एमएनएनआईटी ने भी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। संस्थान के स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर के इंचार्ज डॉ। शिवेश शर्मा ने बताया कि हमारे मेडिकल ऑफिसर की ओर से स्वाइन फ्लू एडवाइजरी जारी कर दी गई है। अगर किसी स्टूडेंट को कोल्ड की शिकायत है तो उसका इलाज शुरू कर दिया जाएगा।

साफ-सफाई पर दिया जा रहा जोर

उधर आईआईआईटी के डायरेक्टर प्रो। सोमनाथ विश्वास ने बताया कि बीमारी से पीडि़त बीटेक स्टूडेंट का इलाज लखनऊ में चल रहा है। वह पूरी तरह से स्वस्थ है। संस्थान के बाकी स्टूडेंट्स को साफ-सफाई बरतने की सलाह दी जा रही है। डर से बचने के लिए उनकी काउंसिलिंग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिए गए इंस्ट्रक्शंस को फॉलो किया जा रहा है। कैंपस का माहौल सामान्य बना हुआ है। बता दें कि इस संस्थान की बीटेक थर्ड ईयर की स्टूडेंट इशिता सिंह की जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद सभी सकते में आ गए थे।

पैनिक होने की जरूरत नहीं है। किसी को लक्षणों के आधार पर स्वाइन फ्लू का शक है तो वह अपनी जांच करा सकता है। शासन की गाइड लाइन के अनुसार बीमारी की अधिकारिक पुष्टि सरकारी जांच के बाद ही की जाएगी। प्राइवेट पैथोलॉजी की जांच हमारे लिए मान्य नहीं है।

डॉ। पदमाकर सिंह, सीएमओ, इलाहाबाद

दहशत में स्वास्थ्य विभाग पहुंचे छात्र

स्वाइन फ्लू की दहशत के चलते आईआईआईटी के तीन स्टूडेंट बुधवार को स्वास्थ्य विभाग पहुंच गए। उन्होंने संक्रामक रोग अधिकारी डॉ। एएन मिश्रा से मिलकर कमजोरी की शिकायत की। मौके पर उनका प्राइमरी चेकअप किया गया जिसमें उनकी रिपोर्ट नॉर्मल पाई गई। डॉ। मिश्रा ने बताया कि तीन स्टूडेंट डरे हुए थे। जांच में वह बिल्कुल स्वस्थ पाए गए। उन्हें समझा-बुझाकर वापस हॉस्टल भेज दिया गया।