बीजिंग (एएनआई)। चीन ने मंगलवार को तुर्की से उत्तरपूर्वी सीरिया में कुर्द बलों के खिलाफ अपने सैन्य अभियान को रोकने का आग्रह किया है। उसने कहा कि तुर्की की कार्रवाइयों से इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की संख्या बढ़ जाएगी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, 'चीन अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सैन्य के इस्तेमाल का विरोध करता है। हमारा मानना है कि सभी पक्षों को संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों और सिद्धांतों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाले बुनियादी मानदंडों का पालन करना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत राजनीतिक और राजनयिक साधनों के माध्यम से समस्याओं का समाधान करना चाहिए।'

पाकिस्तान तुर्की का दे रहा साथ

विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीरिया की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता का ईमानदारी से सम्मान और सुरक्षा की जानी चाहिए। शुआंग ने कहा, 'इस समय सीरिया में आतंकवाद के लिए गंभीर स्थिति को देखते हुए, तुर्की की सैन्य कार्रवाई से आतंकवादियों की संख्या बढ़ जाएगी और इस्लामिक स्टेट का पुनरुत्थान हो सकता है। हम तुर्की से आग्रह करते हैं कि वह अपनी जिम्मेदारियों को समझे और बाकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ आतंकवाद का मुकाबला करे।' यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि पाकिस्तान कुर्द बलों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर तुर्की का समर्थन कर रहा है, वहीं भारत ने ऑपरेशन को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है और तुर्की से संयम बरतने का आग्रह किया है। इसी तरह यह साफ हो गया है कि सीरिया-तुर्की विवाद पर चीन और पाकिस्तान के अलग-अलग विचार हैं।

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अमेरिका ने अपने सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा की

बता दें कि पिछले हफ्ते अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के खिलाफ युद्ध खत्म करने के बाद सीरिया से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा की। इसके बाद तुर्की ने सीरिया में सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी। इस सैन्य कार्रवाई के चलते करीब 2,75,000 से अधिक लोगों को बेघर होना पड़ा है।

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