-फर्नीचर को चाट रहे दीमक, बिना माइक के है आडियो सिस्टम

-स्टूडेंट्स के कंप्लेन के बाद भी नहीं सुधर रही व्यवस्था

RANCHI ) : झारखंड के सबसे बड़े मेडिकल कालेज रिम्स में व्यवस्था ध्वस्त होती जा रही है। यहां के फर्नीचरों को दीमक ने चाटना शुरू कर दिया है। स्थिति यह है कि अब तो बेंच डेस्क भी जवाब देने लगे है। आडिटोरियम में दीमक लगे ये फर्नीचर बड़े हादसों को दावत दे रहे है। इसके अलावा एएलटी क्लास में कई अव्यवस्थाओं को लेकर मेडिकल स्टूडेंट्स ने कंप्लेन भी की। इसके बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं किया जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि देश को अच्छे डॉक्टर देने वाला यह शिक्षण संस्थान दीमकों से कैसे छुटकारा पाएगा।

माइक बिना ऑिडयो सिस्टम

क्लास में स्टूडेंट्स के लिए आडियो सिस्टम की व्यवस्था की गई है। लेकिन आजतक स्टूडेंट्स को इसका फायदा नहीं मिला है। क्लास के लिए जब स्टूडेंट्स क्लास में जमा होते है तो उन्हें प्रोफेसर की आवाज ही सुनाई नहीं देती। स्टूडेंट्स ने बताया कि स्पीकर तो लगा दिया गया है पर आजतक माइक ही नहीं मिली है। ऐसे में पीछे बैठने वाले स्टूडेंट्स को लेक्चर सुनाई नहीं देता।

दिखावे के लिए है एसी

क्लास रूम में गर्मी से निपटने के लिए एसी इंस्टाल किए गए है। लेकिन इसे भी चलाया नहीं जाता है। वहीं सालों पुराने पंखे स्टूडेंट्स को गर्मी से राहत दिला रहे है। पिछले दिनों क्लास के दौरान ही सालों पुराना पंखा गिर जाने से दो स्टूडेंट्स घायल हो गए थे। स्टूडेंट्स का कहना था कि पुराने पंखे शोर करते है। एसी चलने से शोर नहीं होता और लोगों को लेक्चर सुनने में भी कोई परेशानी नहीं होती। लेकिन ये एसी भी बस दिखावे के लिए लगे है।

मिनी ऑडिटोरियम बना कबाड़

रिम्स डायरेक्टर आफिस के ठीक बगल में बने मिनी आडियोरियम में पीजी की क्लास चलती है। लेकिन यहां की व्यवस्था भी भगवान भरोसे है। एक तो फर्नीचर को दीमक चाट रहे है। वहीं दूसरी ओर इसे कबाड़ रखने की जगह में तब्दील कर दिया गया है। जहां बेकार पड़ी चीजों को लाकर एग्जीट गेट में जमा कर दिया गया है। जिसे देखने वाला कोई नहीं है। इसके अलावा स्टूडेंट्स ने आडिटोरियम में ब्लैक बोर्ड की जगह ग्रीन बोर्ड लगाने की मांग थी। चूंकि दूर बैठे स्टूडेंट्स को बोर्ड पर लिखी चीजें स्पष्ट दिखाई नहीं देती है।