-ट्रेनों में सफर के दौरान पैसेंजर्स खरीद सकेंगे डेली नीड्स का सामान
यह भी जानें
-200 ट्रेनें जंक्शन से अप-डाउन लाइन से होकर गुजरती हैं डेली
-20 हजार से ज्यादा पैसेंजर्स डेली करते हैं सफर
-पायलट प्रोजक्ट के तहत जंक्शन से चलने वाली ट्रेनों में जल्द मिलेगी सुविधा
-अवैध वेंडर्स को अब ट्रेनों में नहीं मिलेगी एंट्री, रजिस्टर्ड वेंडर्स की रात में एंट्री बैन
बरेली: ट्रेनों में अब सफर के दौरान पैसेंजर्स को परेशान नहीं होना पड़ेगा क्योंकि रेलवे बोर्ड जल्द ही मिनी मार्केट ओपन करेगा जिससे पैसेंजर्स चलती ट्रेन में डेली नीड्स के सामान की शॉपिंग कर सकेंगे। आपको बता दें रेलवे बोर्ड ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत जबलपुर सेक्शन में चलने वाली ट्रेनों में पैसेंजर्स के लिए मिनी मार्केट शुरू किया है। अधिकारियों के मुताबिक ट्रायल सफल होने पर बरेली जंक्शन से चलने वाली ट्रेनों में भी यह फैसिटिली मिलेगी।
यह मिलेगा सामान
-कॉस्मेटिक प्रोडक्ट
-स्टेशनरी प्रोडक्ट
-मोबाइल एसेसरीज
-टूथब्रश और टूथपेस्ट
-मेडिसिन
-हैंकी और परफ्यूम
-मैग्जीन और न्यूज पेपर
रजिस्टर्ड वेंडर्स को एंट्री
ट्रेनों में सफर के दौरान अक्सर अवैध वेंडर अनाधिकृत सामन की बिक्री करते हैं। रेलवे की तरफ से कई बार अवैध वेंडर पकड़े भी गए लेकिन फिर भी रोक नहीं लग पा रही है। लेकिन अब ट्रेनों में मिनी मार्केट व्यवस्था शुरू होने से एक ट्रेन में 6-8 वेंडर ही रजिस्टर्ड होंगें, जो पैसेंजर्स को उनकी सीट पर सामान पहुंचाएंगे। इससे अवैध वेंडर्स पर रोक लगेगी। साथ ही पैसेंजर्स को भी परेशानी नहीं होगी।
रात में एंट्री बैन
ट्रेनों अक्सर वेंडर्स रात के समय में घुस जाते हैं और सो रहे पैसेंजर्स को डिस्टर्ब करते हैं। लेकिन अब रेलवे बोर्ड ने वेंडर्स की एंट्री के लिए टाइम फिक्स किया है। जिसके तहत अब वेंडर्स सुबह 6 से रात 9 बजे तक ही ट्रेनों में एंट्री ले सकेंगे। जिससे पैसेंजर्स के आराम करने के दौरान कोई डिस्टर्ब न कर सके। इसी के चलते समय निर्धारित किया गया है।
अपराध पर भी लगेगी लगाम
ट्रेन में सफर के दौरान अक्सर पैसेंजर्स के साथ लूट, चोरी और छिनैती की घटनाओं की शिकायतें मिलती हैं। इसमें कई बार अवैध वेंडर्स के शामिल होने की बात भी सामने आई है। अफसरों का मानना है कि इस व्यवस्था से ट्रेनों में अवैध वेंडरों की एंट्री बंद हो जाएगी जिससे अपराध पर भी कहीं न कहीं अकुंश लगेगा।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत ट्रेन में मिनी मार्केट योजना की शुरूआत की गई है। सफल होने के बाद ही कहीं और लागू किया जा सकता है। बरेली में अभी इस तरह का ट्रॉयल नहीं चल रहा है।
राजेन्द्र सिंह, पीआरओ इज्जतनगर एनईआर