आगरा। ताजनगरी में फिल्म उद्योग को लुभाने की अपार संभावनाएं हैं। देश में सबसे ज्यादा सब्सिडी उप्र में ही मिलती है। यहां शूटिंग के लिए नियम आसान व सिंगल विंडो सिस्टम लागू हो, फिल्म सिटी और स्टूडियो बनें, तो ज्यादा निर्देशक फिल्म शूटिंग को आएंगे। शुक्रवार को सूरसदन स्थित एक रेस्टोरेंट में हुई ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के प्री इनॉग्रेशन सेशन में यह बातें फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने कहीं।

फिल्म अभिनेता रजा मुराद ने कहा कि आगरा हर फिल्मकार को लुभाता है। यहां लोकेशन और खूबसूरती की कोई कमी नहीं। सरकार ने काफी काम भी किया है। यहां सिर्फ नियमों को आसान कर सिंगल विंडो सिस्टम लागू करना होगा। साथ ही मुंबई से सीधे एयर कनेक्टिविटी, फिल्म सिटी की स्थापना और स्टूडियो खोलने की जरूरत है। सरकार चाहे, तो नियम बनाकर फिल्म में 20 फीसद कास्टिंग स्थानीय कलाकारों की भी करा सकती है। इससे यहां फिल्मों के लिए सबसे बेहतर माहौल बनाया जा सकता है।

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25 हजार से करोड़ों का हुआ कारोबार

वेस्टर्न इंडिया प्रोड्यूसर एसोसिएशन के महासचिव दिलीप दलवी ने कहा कि इस तरह के फेस्टिवल फिल्मों व फिल्मकारों को खींचकर लाते हैं। इससे फिल्मकार आगे बढ़ते हैं, इंडस्ट्री भी बढ़ती है। यही कारण है कि कभी 25 हजार से शुरू हुई इंडस्ट्री आज 3700 करोड़ से ज्यादा की इंडस्ट्री बन चुकी है।

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दादा साहब को मिले भारत रत्न

दादा साहब फाल्के के पौत्र चंद्रशेखर पुसालकर ने कहा कि दादा ने अपनी पत्नी के जेवरात बेचकर फिल्म बनाकर इंडस्ट्री शुरू की। वह इंडियन सिनेमा के पायनियर हैं, उन्हें भारत रत्न सम्मान मिलना चाहिए। इस फेस्टिवल से यह बात आगे बढ़कर आंदोलन के रूप में आगे आनी चाहिए।

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खंदारी कैम्पस में फिल्म फेस्टिवल का शानदार आगाज

आगरा। तीन दिवसीय ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का शुक्रवार को आगाज हो गया। डॉ। भीमराव आंबेडकर विवि के खंदारी कैंपस स्थित जेपी सभागार में पहले दिन सिंधी समाज को समर्पित फीचर फिल्म स्वामी लीला शाह दर्शन का प्रदर्शन किया गया। उद्घाटन विवि कुलपति डॉ। अरविंद दीक्षित और विधायक चौ। उदयभान सिंह ने किया। फिल्म फेस्टिवल के आयोजक सूरज तिवारी ने बताया कि इसमें 15 देशों की फिल्मों ने प्रतिभाग किया है और सात देशों की फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी। सभी फिल्में सामाजिक सरोकार, जागरूकता, सामाजिक संदेश, धार्मिक, पारिवारिक होंगी। कंपटीशन कैटेगरी में फीचर फिल्म, शॉर्ट फिल्म, डॉक्यूमेंट्री, एनिमेशन और म्यूजिक वीडियो की भी स्क्रीनिंग होगी, ज्यूरी जिस पर अपना निर्णय ले चुकी है।