Last year से शुरू हुआ खेल

लास्ट ईयर एएसआई ने ताजमहल पर लाइसेंस फोटोग्र्राफी बंद कर दी थी। उस दौरान ताजमहल पर केवल डिपार्टमेंट के ऑथराईज्ड फोटोग्र्राफर्स को ही फोटोग्र्राफी करने की परमीशन थी, डिपार्टमेंट की ओर से एक जनवरी 2012 को लाइसेंस फोटोग्र्राफी को बैन कर दिया गया था। जब इसका बड़े स्केल पर विरोध होने लगा, तो एएसआई ने मई 2012 में नई व्यवस्था लागू कर दी। इस व्यवस्था के तहत फोटोग्र्राफर्स को 20 रुपए की टिकट लेकर कमर्शियल फोटोग्र्राफी करने की परमीशन दे दी गई। बस तभी से डिपार्टमेंट की वसूली का खेल शुरू हो गया।

कमाई के लिए scenario change

ताजमहल पर काम करने वाले पूर्व लाइसेंसी फोटोग्र्राफर्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ताजमहल पर एक  फोटोग्र्राफर पर डे मिनिमम दो हजार से तीन हजार रुपए कमा लेता थे। इसके चलते उन्हें लाइसेंस के रिन्युअल में पैसा देना अखरता नहीं था, लेकिन डिपार्टमेंट के अधिकारियों को मोटी कमाई करने के लिए तीन साल तक का इंतजार करना पड़ता था। इसके चलते 20 रुपए की टिकिट फोटोग्र्राफी की व्यवस्था की गई।

हर तीसरा person photographer

ताजमहल पर फोटोग्र्राफी करने वाले की इनकम काफी हाई होती है। इसके चलते हर कोई ताजमहल पर फोटोग्र्राफी करना चाहता है। जब एएसआई ने ताज पर फोटोग्र्राफी के लिए इसकी घोषणा की कि टिकिट लेकर कोई भी फोटोग्र्राफी कर सकता है। तब से सैकड़ों लोग ताजमहल पर फोटोग्र्राफी करने आते हैं। प्रतिबंध से पहले ताजमहल पर केवल 300 से 350 फोटोग्र्राफर हुआ करते थे। इसमें 285 एएसआई ने ऑथराइज किए थे। 85 ने मिनिस्ट्री से ताजमहल पर फोटोग्र्राफी के लिए परमीशन ली थी,  लेकिन प्रजेंट टाइम में 500 से ज्यादा लोग सुबह से शाम तक टूरिस्ट्स की फोटो खींचने आते हैं।  

profession change, Habit नहीं

जब से ताजमहल पर टिकिट की व्यवस्था लागू की गई है। तब से ताज के आस-पास आर्टिफिशियल आइटम्स लिए लपकागीरी करने वाले भी फोटोग्र्राफी करते हैं। वह फोटोग्र्राफर तो बन गए, लेकिन उनकी लपकागीरी की आदत नहीं गई। अब ताजमहल का हाल ये है कि जो भी टूरिस्ट ताज में प्रवेश करता है उस पर फोटो खिंचाने के लिए इस कदर टूटते हैं कि टूरिस्ट परेशान हो जाता है।

ताज परिसर में ऐसे होती है वसूली

(नए फोटोग्र्राफर्स के साथ ऐसे होती है फोटोग्र्राफी की डील)

एएसआई इंप्लाई-  तुम तो आगरा के हो ना।

फोटोग्र्राफर- जी हां सर

एएसआई इंप्लाई- तो कैमरा क्यों ले जा रहे हो।

फोटोग्र्राफर- सर फोटो खींचने के लिए।

एएसआई इंप्लाई- आधे घंटे में लौटना होगा।

फोटोग्र्राफर- टिकिट तो सन राइज से सन सेट तक की है।

एएसआई इंप्लाई- लेकिन तू तो फोटोग्र्राफी करने जा रहा है।

फोटोग्र्राफर- सर, टिकिट खरीद कर तो फोटोग्र्राफी एलाऊ है।

एएसआई इंप्लाई- किसने कहा। केवल टूरिस्ट के लिए अलाऊ है और ज्यादा मत बोल।

फोटोग्र्राफर- सर, फिर मैं कैसे कर पाऊंगा?

एएसआई इंप्लाई- देख भाई, अगर बिना हमसे मिले जाएगा तो बहुत परेशानी होगी।  

फोटोग्र्राफर- कैसी परेशानी?

एएसआई इंप्लाई- पागल है क्या? जानता नहीं है। आज-कल कैसे पकड़ा धकड़ी चल रही है।

फोटोग्र्राफर- टिकिट लेकर जाएं। उसके बाद भी पकड़ लेंगे।

एएसआई इंप्लाई- (गुस्सा करते हुए) आरे हां। अब टाइम वेस्ट मत कर। क्या करना है ये बता?

फोटोग्र्राफर-सर, जो आप बोलोगे वही करूंगा। मुझे तो काम करना है।

एएसआई इंप्लाई- तो सुन। दिनभर में जो भी कमाएगा। उनका कुछ परसेंट हमें देना होगा।

फोटोग्र्राफर- सर, कितना।

एएसआई कर्मचारी- बता देंगे। एक बार अंदर जाकर देखतो आ। यहां फोटोग्र्राफी करना कितना मुश्किल है।

फोटोग्र्राफर- बताइए सर।

एएसआई इंप्लाई-अब तू यहां से निकल। ज्यादा देर खड़ा रहेगा तो। लफड़े में फंस जाएगा।

फोटोग्र्राफर- तो कब मिलूं।

एएसआई इंप्लाई- लौटकर आ तब बात करूंगा।

Report by-sharma.neeraj@inext.co.in