- लोग रेट पूछ कर आगे बढ़ जाते हैं

- महंगी एंट्री टिकट का असर दिख रहा

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AGRA। ताज महोत्सव इस साल फेल महोत्सव साबित हो रहा है। शिल्पियों का माल नहीं बिक रहा, लोग भी काफी कम आ रहे हैं। जो आते हैं वो डिस्काउंट की मांग करते हैं। रेट पूछते हैं और चले जाते हैं। जिन कलाकारों को बुलाया था, उनमें से कई बड़े नाम महोत्सव में नहीं आए। शिल्पियों को प्रॉफिट नहीं हो रहा है। अब प्रशासन ने ताज महोत्सव को दो दिन के लिए और बढ़ा दिया है, लेकिन इससे भी कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है।

एंट्री टिकट पड़ रहा भारी

ताज महोत्सव की एंट्री टिकट इस साल 50 रुपये कर दी गई है। इस वजह से भी लोग यहां कम पहुंच रहे हैं। एक परिवार के अगर पांच लोग महोत्सव घूमने जाते हैं, तो एंट्री पर ही उनके 250 रुपये खर्च हो जाएंगे। ऐसे में लोगों की भीड़ भी नहीं पहुंच रही है। पिछले संडे को फिर भी भीड़ देखने को मिली, वरना वीक डेज में तो काफी कम लोग ही यहां आ रहे हैं। शिल्पियों के अनुसार एंट्री टिकट कम कर दी जाए तो लोग ज्यादा आएंगे। कुछ साल पहले जब 20 रुपये टिकट हुआ करती थी, तब 10 दिन तक लोग भारी तादाद में यहां पहुंचते थे, पर टिकट महंगी होने की वजह से लोगों की संख्या कम हो रही है।

तफरीह कर रहे लोग

महोत्सव में पहुंचने वाले लोग स्टॉल्स पर जाते हैं, रेट भी पूछते हैं, लेकिन खरीदारी नहीं करते हैं। शिल्पियों ने बताया कि 10 लोग अगर पूछते हैं, तो महज दो या तीन ही चीजों को खरीदते हैं। बाकी लोग तो रेट पूछकर आगे बढ़ जाते हैं।

महिलाएं करती हैं बार्गेनिंग

जो महिलाएं यहां पहुंच रही हैं, वो हर चीज में बार्गेनिंग बहुत करती हैं। शिल्पी महिलाओं की इस आदत से काफी परेशान हो रहे हैं। जब शिल्पियों से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि महिलाएं तो यहां भी 50 परसेंट डिस्काउंट की बात करती हैं।

नहीं आए बड़े कलाकार

कुछ साल पहले तक ताज महोत्सव में परफॉर्म करने के लिए बड़े नाम वाले कलाकार आया करते थे। बॉलीवुड के एक्टर्स हो या बड़े सिंगर्स। कई इंटरनेशनल लेवल पर नाम कमा चुके कलाकार भी यहां परफॉर्म कर चुके हैं, लेकिन इस साल ताज महोत्सव में काफी कम कलाकार आए हैं। कॉमेडियंस में जरूर सुनील और राजीव निगम जैसे नाम आए हैं। अनूप जलोटा को भी अच्छे कलाकारों में रख सकते हैं, लेकिन समापन पर प्रस्तुति देने वाली श्रेया घोषाल का प्रोग्राम अंतिम समय तक फाइनल नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि श्रेया घोषाल को एडवांस ही नहीं पहुंचा है।

बारिश ने भी किया खेल खराब

ताज महोत्सव की शुरुआत इस साल शायद खराब नक्षत्रों में हुई है। एक तो पहले ही शिल्पी कम भीड़ और कम बिक्री से परेशान थे, उस पर रही-सही कसर बरसात ने पूरी कर दी। लगातार दो दिन हुई बरसात ने शिल्पियों के उत्साह को बिल्कुल खत्म कर दिया। बरसात में शिल्पी अपना सामान बटोरते रहे और ग्राहकों का इंतजार करते रहे।

वर्जन

"मैं पिछले पांच सालों से यहां आ रहा हूं। इतने खराब हालात तो कभी नहीं रहे। इस बार तो बिक्री का प्रतिशत भी काफी कम रहा है। लोग आते हैं और रेट पूछ कर चले जाते हैं

सलीम, शिल्पी

"आगरा में लोग कला की कद्र तो करते हैं, लेकिन खरीदते नहीं हैं। 10 में से दो या तीन ही खरीददारी करते हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है। इस बार तो खरीददारों की संख्या भी काफी कम है.- शकील, शिल्पी

"इस बार महोत्सव की एंट्री टिकट भी महंगी कर दी गई है, उसका असर भीड़ पर दिख रहा है। सटरडे और संडे को जरूर भीड़ रही थी, लेकिन बाकी के दिन तो बेकार ही जा रहे हैं- बंटी, शिल्पी

"इस बार बरसात ने सारा मजा खराब कर दिया। महोत्सव में आकर इस बार मजा नहीं आया है। बिक्री भी नहीं हो रही और लोग भी कम आ रहे हैं। आगरा के प्रशासन को कुछ और कदम उठाने होंगे- अमित, शिल्पी