-शरद पूर्णिमा पर ताज में चमकी का किया 399 ने दीदार

-रात 8:30 से 12:30 बजे तक खुला पर्यटकों के लिए स्मारक

आगरा। शहंशाह शाहजहां द्वारा मुमताज महल की याद में तामीर कराया गया ताजमहल। शरद पूर्णिमा पर रविवार रात चंद्रमा की श्वेत रश्मियां जब उसके धवल संगमरमरी हुस्न पर पड़ीं तो वो चमक उठा। बेमिसाल पच्चीकारी में जडे़ बेशकीमती पत्थरों को चमकते देख सैलानी वाह-वाह कर उठे। मौसम साफ रहने से वर्षभर संजोया चमकी देखने का उनका ख्वाब साकार हो उठा।

ताजमहल में शरद पूर्णिमा पर चमकी देखने का ख्वाब सैलानी वर्ष भर संजोते हैं। इसके लिए शनिवार को ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के माल रोड स्थित कार्यालय से सभी 400 टिकट बिक गए थे। इनमें से एक पर्यटक ने टिकट कैंसिल करा लिया। रविवार रात 8:30 से 12:30 बजे तक चमकी का दीदार हुआ। रात 8:30 बजे पहले बैच में सैलानियों को स्मारक में प्रवेश दिया गया। वीडियो प्लेटफार्म से उन्होंने चांदनी रात में ताज का दीदार किया। मौसम साफ होने व बादल नहीं होने से चंद्रमा की श्वेत रश्मियों में ताज नजर आ रहा था। चांदनी रात में ताज का दीदार कर सैलानी स्वयं को खुशनसीब महसूस कर रहे थे। उन्हें आधे-आधे घंटे के आठ बैचों में स्मारक में ले जाया गया।