-मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रजा में चल रहे हैं कार्यक्रम

बरेली : मुफ्ती अख्तर रजा खां (ताजुश्शरिया)का दो दिनी उर्स कार्यक्रम स्थल के विवाद के बीच ट्यूजडे से शुरू हो गया। दरगाह आला हजरत पर बड़ी संख्या में जायरीन पहुंचे। चार बजे से कोहाड़ापीर से परचम कुशाई का जुलूस निकाला गया जो बिहारीपुर ढाल होते हुए दरगाह पहुंचा। शाम की तकरीर समेत पहले दिन के सभी कार्यक्रम मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रजा में ही चल रहे हैं। प्रशासन की ओर से यहीं आयोजन की अनुमति दी गई है।

मथुरापुर में शुरू हुई तैयारी

ताजुश्शरिया का उर्स नौ-दस जुलाई को इस्लामिया मैदान में होना था। प्रशासन ने इसकी अनुमति भी दे दी थी, लेकिन विवाद खड़ा हुआ तो इसे गैरपरंपरागत बताते हुए अनुमति को निरस्त कर दिया। दरगाह वाले भड़के तो बीच का रास्ता निकालते हुए मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रजा में उर्स के आयोजन की अनुमति दी गई है। मगर मुरीद इस्लामिया मैदान में ही उर्स के आयोजन की जिद पर अड़े रहे। इस बीच आयोजकों ने मथुरापुर में ही उर्स की तैयारी शुरू कर दी। दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन मुफ्ती असजद रजा खां कादरी ने ट्यूजडे दोपहर में कार्यक्रम स्थल मथुरापुर में ही होने की जानकारी देते हुए जायरीन को वहां पहुंचने के लिए कहा।

सुब्हानी मियां ने जताई नाराजगी

ताजुश्शरिया मुफ्ती अख्तर रजा खां उर्फ अजहरी मियां के इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान में होने वाले उर्स की अनुमति रद करने के चौथे दिन दरगाह आला हजरत से प्रतिक्रिया आई है। दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां सुब्हानी मियां ने उर्दू में खुला खत लिखकर शासन-प्रशासन के प्रति सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने लिखा कि 'उर्स की संवैधानिक अनुमति निरस्त कर जिला प्रशासन ने लाचारी का सुबूत दिया है.' सुब्हानी मियां ने लिखा कि ऐसा करके प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया कि देश का लोकतंत्र खतरे में है और मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। उर्स से केवल तीन दिन पहले अनुमति निरस्त किए जाने से न सिर्फ अकीदतमंदों को पीड़ा पहुंची, बल्कि पूरे देश में गलत संदेश गया है.'