- अनुज सिंह पर नहीं बनी कोई बात, विरोध पर उतरे पार्षद

- व्यापारियों के ट्रेड लाइसेंस पर बोर्ड की मुहर

Meerut: छावनी में अनाधिकृत निर्माण पर कैंट बोर्ड नोटिस भेजने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा है। मंगलवार को कैंट बोर्ड की बैठक में कर्नल सुबोध गर्ग ने जब यह सवाल उठाया तो सीईओ राजीव श्रीवास्तव ने दो टूक कहा कि 50 पुलिस फोर्स दे दीजिए। वह पूरी छावनी को अनाधिकृत निर्माण से मुक्त कर देंगे। सीईओ ने स्पष्ट किया कि अनाधिकृत निर्माण तोड़ने की एक प्रक्रिया है।

अवैध निर्माण पर कार्रवाई

मंगलवार को कैंट बोर्ड की बैठक में सबसे अधिक अनाधिकृत निर्माण को लेकर चर्चा हुई। बंगला नंबर 210बी के आरआर माल के ध्वस्तीकरण के बाद छावनी परिषद ने 147 लोगों को अनाधिकृत निर्माण के मामले में नोटिस भेजा था। मध्य कमान और जीओसी के यहां से अपील खारिज होने के बाद कार्रवाई की बात उठी। इस पर कर्नल सुबोध गर्ग ने कहा कि पूर्व में 24 अवैध निर्माण के मामले में जीओसी ने अपील खारिज करने और ध्वस्तीकरण के आदेश के बाद भी एक्शन नहीं हुआ।

फोर्स मिले तो हो कार्रवाई

इस पर सीईओ राजीव श्रीवास्तव ने बोर्ड को जवाब देते हुए कहा कि बोर्ड कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई कर रहा है। नोटिस भेजने के बाद एक्शन में आने के लिए मजिस्ट्रेट और पुलिस फोर्स की जरूरत होती है। लेकिन पुलिस फोर्स न मिलने की वजह से कार्रवाई में देरी होती है।

हाईकोर्ट का स्टे

कैंट बोर्ड बैठक में वेस्ट एंड रोड बंगला नंबर 234 एमपीएस में हुए अनाधिकृत निर्माण के मामले में दोषी ताराचंद शास्त्री को लेकर चर्चा हुई। इसमें बोर्ड ने बताया कि इस इस मामले में मध्य कमान से अपील खारिज होने पर ताराचंद शास्त्री ने हाईकोर्ट से स्टे लिया है। ऐसे में बोर्ड कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है।

रक्षा मंत्रालय से अनुमति जरूरी

बोर्ड में बताया कि सार्वजनिक स्थल और इंस्टीट्यूट, अस्पताल आदि ऐसी जगह जो पब्लिक से जुड़ी हैं। वहां पर अवैध निर्माण हुआ है या फिर 20 साल पुराना निर्माण है तो ऐसे निर्माण को तोड़ने से पहले कैंट बोर्ड को रक्षामंत्रालय से अनुमति लेना जरूरी है।

सीईई अनुज सिंह रहेंगे सस्पेंड

बोर्ड बैठक में सीईई अनुज सिंह के बहाली पर लंबी बहस हुई। सदस्य विपिन सोढ़ी ने कहा कि बंगला नंबर 210बी में चार्जशीट दाखिल न होने तक सीईई को बहाल नहीं किया जा सकता है। इस दौरान अनुज सिंह पर पूर्व में चल रही जांच रिपोर्ट को लेकर भी चर्चा की गई। बोर्ड अध्यक्ष मेजर जनरल के। मनमीत सिंह ने कहा कि किसी भी एक आदमी की छवि बोर्ड से बड़ी नहीं हो सकती है। साथ ही हमें यह भी ख्याल रखना चाहिए कि न्याय से किसी को वंचित भी नहीं किया जाना चाहिए।

महिला सदस्य एकजुट

बैठक में छावनी क्षेत्र में बार और शराब की दुकान के लाइसेंस जारी करने पर चर्चा हुई। लाइसेंस की दर को लेकर सदस्यों में काफी लंबी बहस हुई। सीईओ ने बार पर 50 हजार और शराब की दुकान पर एक लाख रुपए लाइसेंस फीस निर्धारित करने की बात की। जिस पर उपाध्यक्ष बीना बाधवा, मंजू गोयल, बुशरा कमाल और नीरज राठौर ने विरोध किया। उपाध्यक्ष बीना बाधवा ने कहा कि छावनी पहले से ही घाटे में है। ऐसे में लाइसेंस फीस कम करके बोर्ड का नुकसान किया जा रहा है।

मैरिज हाउस से टैक्स वसूली

बैठक में सभी मैरिज हाउस से पांच से लेकर पंद्रह हजार रुपए शुल्क लेने की बात कही गई। जिससे छावनी के राजस्व को बढ़ाया जा सके।