वाशिंगटन (पीटीआई)। अफगानिस्तान में मंगलवार को दो बड़े आत्मघाती बम विस्फोट किए गए था। एक धमाके में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की चुनावी रैली को निशाना बनाया गया था। वहीं, दूसरा हमला अमेरिकी दूतावास के पास हुआ। इन आत्मघाती बम धमाकों में कम से कम 48 लोगों की जान चली गई है। बता दें कि इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ले ली है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने इन आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की है। तालिबान द्वारा इन धमाकों की जिम्मेदारी लेने के बाद पोंपियो ने अपने बयान में कहा, 'इन हमलों के जरिए तालिबान ने अफगानिस्तान के लोगों और संस्थाओं का कड़ा अपमान किया है। अगर तालिबान अफगानिस्तान के साथ सही में समझौता करना चाहता है तो उसे अफगान लोगों और उनके देश को नुकसान पहुंचाने के बजाए शांति के प्रति ईमानदारी से अपनी प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए।'

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लोगों को करना पड़ा चुनौतियों का सामना

पोंपियो ने मंगलवार को कहा कि तालिबान के हमले के कारण अफगानिस्तान में कई अस्पतालों, स्कूलों और घरों में कई दिनों तक बिजली गुल रही है। लोगों को कई परेशानियों व चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। आतंकी समूह को यह बात समझनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले से तालिबान कोई भी समझौता नहीं कर पाएगा। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते तालिबान के साथ चल रही शांति वार्ता को खत्म कर दिया था। इसी के बाद अफगानिस्तान में यह धमाके किए गए हैं। ट्रंप ने इस तरह का निर्णय पिछले हफ्ते अफगानिस्तान में तालिबान के हमले में एक अमेरिकी सैनिक की मौत के बाद लिया था। उन्होंने यह वार्ता ऐसे समय रद कर थी, जब दोनों पक्ष समझौते के आखिरी पायदान पर पहुंच गए थे। समझौते के मुताबिक अमेरिका को अफगानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुलाना था।

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