स्लग: 48 घंटे में नई गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर डीलर को देना है, 20 दिन बाद भी नहीं मिला नंबर

-धनतेरस पर 20 हजार से अधिक बाइक, कार, बस शहर में बिकीं, बिना नंबर रोड पर दौड़ रहीं

mayank.rajput@inext.co.in

RANCHI (23 Oct): रांची में कार और बाइक शोरूम वाले नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। नियम के अनुसार, बाइक या कार बिना नंबर के शोरूम से बाहर नहीं निकलनी है, लेकिन धनतेरस में ख्0 हजार से अधिक गाडि़यां शोरूम से निकलीं, वह भी बिना नंबर के। बिना नम्बर की गाडि़यां रोड पर निकल गई। परिवहन विभाग के रूल्स ब्फ् के तहत, कोई भी नई गाड़ी शोरूम से रोड पर टेम्परोरी या परमानेंट रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ ही ि1नकलनी है।

टेम्परोरी नम्बर पहले ही बंद

इधर, डीलर प्वाइंट से रजिस्ट्रेशन होने के बाद से गाडि़यों को मिलने वाला टेम्परोरी नम्बर भी बंद कर दिया गया है। इससे परिवहन विभाग को करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा है। अब डीलर को शोरूम से नम्बर के साथ गाड़ी देनी है, लेकिन शोरूम वाले खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। हजारों गाडि़यां रोड पर बिना नम्बर के चल रही हैं।

ब्8 घंटे में रजिस्ट्रेशन नंबर

परिवहन विभाग ने कार्यालय का बार-बार चक्कर लगाने से बचने के लिए नई व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत शोरूम में गाड़ी खरीदने के ब्8 घंटे में ही नम्बर दिया जाना है। लेकिन रांची में हजारों लोग ऐसे हैं, जिन्होंने नई गाड़ी खरीदी है लेकिन उनकी गाडि़यों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है।

शोरूम में ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

अब नए वाहनों की खरीदारी करने के साथ ही रजिस्ट्रेशन भी शोरूम से ही हो रहा है। वाहनों की आपूर्ति करने वाले शोरूम ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। परिवहन विभाग ने इसे डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन नाम दिया है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एनआईसी ने वाहन फ ॉर वर्जन ब्.0 सॉफ्टवेयर विकसित किया है। एनआईसी ने झारखंड सरकार के परिवहन विभाग को यह सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया है। रांची में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो रहा है।

क्या है वाहन फॉर वर्जन ब्.0 सॉफ्टवेयर

वाहन फ ॉर वर्जन ब्.0 सॉफ्टवेयर के तहत यह नई व्यवस्था लागू की गई है। शोरूम वाहन सप्लाई करने वाली एजेंसी जिला परिवहन कार्यालय से ऑनलाइन जुड़े हैं। सभी शोरूम को जिला परिवहन कार्यालय से यूजर आईडी व पासवर्ड दिया गया है। नए वाहन की खरीदारी करने पर डीलर उस वाहन व खरीदारी से जुड़ी जानकारी ऑनलाइन फ ड कर जिला परिवहन कार्यालय को भेज देगा। टैक्स व रजिस्ट्रेशन शुल्क बैंक के सरकारी खाते में डीलर ही जमा करा देंगे। इसके बाद जिला परिवहन पदाधिकारी डीलर की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी की जांच करेंगे। फिर वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर जिला परिवहन कार्यालय आवंटित कर डीलर को ऑनलाइन सूचना भेज देगा। इसके बाद डीलर इलेक्ट्रॉनिक ओनर बुक वाहन मालिक को उपलब्ध करा देगा।

.बॉक्स

डीलर प्वाइंट से रजिस्ट्रेशन में हो रही वसूली

रांची में जितने भी बाइक और कार के शोरूम हैं, उनको रजिस्ट्रेशन नंबर भी देने का अधिकार है। इसका फायदा भी शोरूम वाले उठा रहे हैं। नई गाड़ी खरीदने के साथ जबसे रजिस्ट्रेशन नम्बर शोरूम से मिलने लगा है। तब से कस्टमर्स की जेब भी कटनी शुरू हो गई है। बाइक का रजिस्ट्रेशन शुल्क ख्भ्00 से फ्000 रुपए है, जबकि कार के रजिस्ट्रेशन के नाम पर छह से सात हजार रुपए से अधिक वसूले जा रहे हैं। शोरूम हर कस्टमर से औसतन चार हजार से सात हजार रुपए अधिक वसूली कर रहे हैं। ग्राहकों की शिकायत के बावजूद शोरूम संचालकों की मनमानी जारी है।