इन दिनों सावन माह चल रहा है, इसे भगवान शिव का अतिप्रिय मास माना जाता है। आज सावन का चौथा सोमवार है, इस दिन तंत्रेश्वर शिव का पूजन किया जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार, इस दिन अगर आप विधि—विधान से पूजा करते हैं, तो आपको हर भौतिक सुख मिलेंगे और हर बाधा दूर होगी।

पूजा की विधि

सावन विशेष: सावन के चौथे सोमवार को करें तंत्रेश्वर शिव आराधना,हर बाधा होगी दूर

भगवान शिव- आशुतोष यानि तत्काल प्रसन्न होने वाले माने जाते हैं वे जल व बिल्वपत्र से ही प्रसन्न होने वाले देवता हैं। मान्यता है कि तीन दलों (पत्तियों) से युक्त एक बिल्वपत्र जो हम शिव को अर्पण करते हैं, वह हमारे तीन जन्मों के पापों का नाश करता है व त्रिगुणात्मक शिव की कृपा भौतिक संसाधनों से युक्त होती है। इसलिए श्रावण मास में भगवान भोले को इनके अर्पण करने से अधिक फल प्राप्त होता है।

इस मंत्र का करें जाप

सावन के चौथे सोमवार यानि आज तंत्रेश्वर शिव की आराधना करनी चाहिए। इस दिन कुश के आसन पर बैठकर ‘ऊं रुद्राय शत्रु संहाराय क्लीं कार्य सिद्धये महादेवाय फट्' मंत्र का जाप 11 माला शिवभक्तों को करनी चाहिए। तंत्रेश्वर शिव की कृपा से समस्त बाधाओं का नाश, अकाल मृत्यु से रक्षा, रोग से मुक्ति व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं कुछ जानकारों का यह भी मानना है कि चौथे सोमवार को जौ एक मुट्ठी चढ़ाने का महत्व है।

ऐसे करें व्रत

सावन विशेष: सावन के चौथे सोमवार को करें तंत्रेश्वर शिव आराधना,हर बाधा होगी दूर

सोमवार को मंदिर में जाकर भगवान शिव परिवार की धूप, दीप, नेवैद्य, फल और फूलों आदि से पूजा करके सारा दिन उपवास करें, शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाकर उनका दूध से अभिषेक करें। साथ ही एक मुट्ठी जौ चढ़ाएं। इसके बाद शाम को मीठे से भोजन करें। अगले दिन भगवान शिव के पूजन के पश्चात यथाशक्ति दान आदि देकर ही व्रत का पारण करें। अपने किए गए संकल्प के अनुसार व्रत करके उनका विधिवत उद्यापन किया जाना चाहिए।

मान्यता है कि जो लोग सच्चे भाव व नियम से भगवान शिव की पूजा, स्तुति करते हैं वह मनवांछित फल प्राप्त करते हैं। इन दिनों में सफेद वस्तुओं के दान की अधिक महिमा है।

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