नई दिल्ली (पीटीआई)। डीआईपीएएम सचिव तुहिन कांत पांडेय ने एक ट्वीट में कहा कि एयर इंडिया का स्ट्रेटजिक डिसइन्वेस्टमेंट ट्रांजेक्शन बृहस्पतिवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इस प्रक्रिया के तहत एयर इंडिया का मैनेजमेंट कंट्रोल 100 प्रतिशत शेयरों के साथ मैसर्स टेलेस प्राइवेट लिमिटेड के पास चला गया। उन्होंने कहा कि साझीदार के एक नये बोर्ड ने एयर इंडिया का चार्ज ले लिया। पिछले वर्ष अक्टूबर में टाटा समूह ने एयर इंडिया के लिए सफल बोली लगाई थी। यह बोली 18,000 करोड़ रुपये की थी। टाटा समूह 2,700 करोड़ रुपये कैश और एयरलाइंस के कर्ज के तौर पर 15,300 करोड़ रुपये चुकाएगी।
एआईएक्सएल का 50 प्रतिशत शेयर भी टाटा को
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि टाटा सन्स प्राइवेट लिमिटेड की सब्सिडियरी टेलेस प्राइवेट लिमिटेड से सरकार ने 2,700 करोड़ रुपये का कंसीडरेशन प्राप्त कर लिया है। इसके साथ ही एयर इंडिया का डिसइन्वेस्टमेंट प्रक्रिया पूरी हो गई। इस डील के तहत टाटा समूह एयर इंडिया का 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज भी चुकाएगी। टाटा समूह को एयर इंडिया का 100 प्रतिशत और एआईएक्सएल का 50 प्रतिशत शेयर मिला है। स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह ने एयर इंडिया के लिए 15,100 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। सरकार ने एयर इंडिया के लिए 12,906 करोड़ रुपये का रिजर्व प्राइज घोषित किया था।

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