JAMSHEDPUR: सरकार के आदेश के बाद टाटा मोटर्स व उसकी अनुषंगी इकाइयां पिछले दिनों खुल तो गईं थीं, लेकिन अबतक उत्पादन की रफ्तार कम थी। सोमवार को टाटा मोटर्स में उत्पादन की रफ्तार बढ़ा दी गई। लंबे समय बाद सोमवार को टाटा मोटर्स में सभी डिवीजनों में काम शुरू हुआ। कंपनी में कर्मचारियों की संख्या में भी इजाफा हुआ। स्थायी कर्मियों की संख्या ज्यादा थी लेकिन अस्थायी व ठेका मजदूर फिलहाल कम बुलाए जा रहे हैं।

काम का दबाव नहीं

इधर टाटा मोटर्स की अनुषंगी इकाइयों को अब भी पहले की तुलना 20 फीसद ही ऑर्डर मिले हैं। फिलहाल काम को लेकर इन कंपनियों में ज्यादा दबाव नहीं है। सूत्रों के मुताबिक टाटा मोटर्स कंपनी में अगले एक सप्ताह के लिए पर्याप्त माल उपलब्ध है, ऐसे में अनुषंगी इकाइयों से फिर धीरे-धीरे मांग बढ़ेगी। जानकारी के मुताबिक जून में 2500 वाहनों के निर्माण की शिड्यूलिंग है। कंपनी में कोरोना को लेकर पूरी सावधानी के साथ काम हो रहा है। सरकार द्वारा निर्धारित बचाव के सभी उपाय हो रहे हैं।

पहले से बने वाहन होंगे डिस्पैच

लॉकडाउन शुरू होने से पूर्व मार्च महीने में करीब एक सौ वाहन बनकर तैयार थे, जो डिस्पैच नहीं हुए। उन वाहनों को पहले बाहर भेजा जाएगा, इसके बाद हाल में बनी गाडि़यों को गंतव्य तक भेजा जाएगा। लॉकडाउन से पूर्व बने वाहनों में बीएस फोर व सिक्स के वाहन शामिल हैं, जिन्हें अभी बाहर भेजा जा रहा है। सोमवार को एक भी गाड़ी डिस्पैच नहीं हुई, मंगलवार को दो दिन में बने वाहनों को एक ही साथ डिस्पैच किया जाएगा।

लगेंगे तीन-चार दिन

आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों को पटरी पर आने में तीन से चार दिन का समय लगेगा। अभी मजदूरों को बुलाने से लेकर कंपनी में मरम्मत का ताम करने में समय लगेगा। एसिया के अध्यक्ष इंदर अग्रवाल के मुताबिक धीरे-धीरे कंपनी की स्थिति सामान्य हो जाएगी। पहले से बनी गाडि़यों को डिस्पैच करने के बाद ही ऑर्डर में इजाफा होने की संभावना है। पहले इंवेंट्री निकालना कंपनियों की प्राथमिकता होगी।

धीरे-धीरे कंपनियों का उत्पादन बढ़ेगा और ज्यादा संख्या में कर्मचारियों को काम भी मिलेगा। फिलहाल 33 फीसद कर्मचारी के साथ ही उत्पादन करना है। कंपनियों मे काम शुरू होने से प्रसन्नता है। एक उम्मीद जगी है कि आने वाले दिनों में कंपनी व मजदूर दोनों की स्थिति सुदृढ़ होगी।

अशोक भालोटिया, अध्यक्ष, सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री