JAMSHEDPUR: टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (एचआरएम) सुरेश दत्त त्रिपाठी ने मंगलवार को बिष्टुपुर स्थित रूसी मोदी सेंटर फॉर एक्सीलेंस की लाइब्रेरी में आयोजित संवाद सत्र में बताया कि टाटा स्टील बुधवार से अर्ली सेपरेशन स्कीम (इएसएस) ला रही है। इसमें जॉब फॉर जॉब स्कीम को शामिल किया गया है। कंपनी ने इसे 'सुनहरे भविष्य की योजना-ख्' का नाम दिया है, क्योंकि इस नाम से दो वर्ष पूर्व योजना आ चुकी थी। इएसएस के दूसरे संस्करण में उन खामियों को दूर किया गया है, जिसकी वजह से पिछली योजना में ब्0 लोग ही आए थे। नई योजना ख्0 दिसंबर से ख्8 फरवरी तक लागू रहेगी।

तीन विकल्पों वाली योजना

इसमें कर्मचारी बेटा, बेटी व दामाद के अलावा बहू को भी नौकरी दे सकेंगे, बल्कि उन्हें उनकी योग्यता के मुताबिक नौकरी दी जाएगी। पहले की योजनाओं में आश्रित को एनएस-क् ग्रेड में नौकरी दी जाती थी, अब एनएस-ब्, एनएस-7 या इससे ऊपर के ग्रेड में नौकरी मिल सकती है। इसके तहत टाटा स्टील इंडिया के लगभग फ्0,000 कर्मचारी आएंगे, जिसमें जमशेदपुर के क्भ्,000 कर्मचारी होंगे। कंपनी का उद्देश्य वैसे कर्मचारियों को तीन विकल्पों वाली इस योजना का लाभ दिलाना है, जो नई तकनीक नहीं सीख सकते। भविष्य में कंपनी को दुनियाभर की प्रतिस्पर्धी कंपनियों के समकक्ष या उससे ऊपर जाने के लिए उच्चकुशल व दक्ष कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। इसका उद्देश्य कर्मचारियों की संख्या कम करना कतई नहीं है, क्योंकि हम उनके बदले आश्रित को नौकरी दे ही रहे हैं। इस सेवा का लाभ उन कर्मचारियों को नहीं दिया जाएगा, जो उच्च कुशल हैं। इसी तर्ज पर कर्मचारी आश्रित को हम प्रशिक्षण देंगे, लेकिन वे नहीं सीख पाएंगे तो उन्हें एनएस-क् में नौकरी देंगे। इएसएस लेने वाले कर्मचारियों को छह वर्ष या म्0 वर्ष की उम्र तक क्वार्टर रखने की सुविधा मिलेगी। पहले यह चार वर्ष या कर्मचारी के भ्8 वर्ष तक सुविधा थी। इस स्कीम में आने वाले कर्मचारियों के बच्चों के लिए मिलेनियम स्कॉलरशिप योजना में अलग से म्0 सीट रखी जाएगी।