- नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक में हंगामे के बाद पास हुए आठ प्रस्ताव

- करीब छह महीने के बाद हुई कार्यकारिणी की बैठक

- कुछ पार्षदों के किया हंगामा तो कई ने जताई सहमति

BAREILLY:

टैक्स वसूली के लिए नगर निगम अब रिटायर हो चके कर्मियों को कॉन्ट्रैक्ट पर रखेगा। निगम में कर्मियों की कमी के चलते ऐसा फैसला किया गया है। इससे संबंधित प्रस्ताव नगर निगम की छह महीने बाद ट्यूजडे को हुई कार्यकारिणी में पारित किया गया।

बैठक शुरू होते ही पार्षदों ने एजेंडे पर ऐतराज जताया। साथ ही जमकर हंगामा भी किया। कई प्रस्तावों पर पार्षद आपस में ही भिड़ गए। जिसके बाद दोनों पक्षों के पार्षदों को शांत किया गया और कार्रवाई को आगे बढ़ाया। कार्यकारिणी बैठक के एजेंडे में आठ प्रस्ताव थे, जो पास कर दिए गए। इसके बाद पार्षदों की ओर से 33 प्रस्तावों को रखा गया। वे भी पास कर दिए गए।

दुकानों की बढ़ेगी ऊंचाई

बैठक में नॉवेल्टी मार्केट में हरीश चंद्र अग्रवाल की दुकान की छत को ऊंचा करने का प्रस्ताव भी रखा गया। हरीशचंद्र की दुकान की हालत जर्जर है और बरसात में पानी चूता है। इस प्रस्ताव पर सपा पार्षद अब्दूल कयूम ने विरोध जताते हुए कहा कि वहां ऐसी कोई स्थिति नहीं है। उनका कहना है कि पहले दुकान का निरीक्षण कराया जाए उसके बाद प्रस्ताव पास किया जाए। अन्य पार्षदों के सुझाव पर तय हुआ कि मार्केट में मौजूद 12 अन्य दुकानों के दुकानदारों से एफिडेविट बनवाकर एक्स्ट्रा किराया वसूला जाए और वहां की सभी दुकानों की छतों को ऊंचा किया जाए।

पहले नीलामी बाद में प्रस्ताव

बैठक में अगला प्रस्ताव सोडियम लाइटों की नीलामी का रखा गया, जो कि पहले ही 43 लाख 7 हजार रुपए में नीलाम हो चुकी है। कुछ पार्षदों ने विरोध जताया कि जब तीन चार महीने पहले ही लाइटें नीलाम हो चुकी हैं तो प्रस्ताव बाद में क्यों लाया गया? इनकी बात को काटते हुए कुछ पार्षदों ने कहा कि यह ओपन नीलामी थी। इसी तरह के तीन और भी प्रस्ताव थे, जिनकी नीलामी पहले हो चुकी थी।

गज केसरी को दी जाए अनुमति

सिकलापुर के पार्षद विनोद कुमार सैनी और संजय नगर के पार्षद अवनेश ने गज केसरी विज्ञापन कंपनी को शहर के मुख्य चौराहों पर 10 साल तक एलईडी टीवी लगाने की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा। इस पर लगभग सभी पार्षदों ने हामी भर दी लेकिन बैठक में मौजूद पार्षद अब्दुल कय्यूम खां मुन्ना ने इस पर विरोध दर्ज करा दिया। उन्होंने कहा कि पटेल चौक पर जो एलईडी लगी है उस पर क्या कोई अनुमति ली गई थी। फिर उन्होंने कहा कि पहली बात तो किसी भी कंपनी को दस साल तक कोई अनुमति नहीं दी सकती। उनकी इस बात की पुष्टि बैठक में बैठे नगर आयुक्त ने भी की। इसके बाद मुन्ना ने कहा कि यदि एलईडी लगानी है तो उनका बाकायदा टेंडर किया जाए। फिर लगाई जाए।

ये रहे मौजूद

कार्यकारिणी की बैठक में मेयर डॉ। उमेश गौतम, नगर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव, कार्यकारिणी के सभी सदस्य और नगर निगम के सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।