- जिला अस्पताल के टीबी वार्ड की बिजली कटने से पेशेंट की बढ़ गई परेशानी

- बीआरडी से भी सीबीनेट जांच के लिए जिला अस्पताल में ही आते हैं पेशेंट्स

GORAKHPUR: जिला अस्पताल स्थित टीबी अस्पताल की बिजली काट दिए जाने के चलते यहां आने वाले पेशेंट्स की प्रॉब्लम बढ़ गई है। टीबी मरीजों की होने वाली सीबीनेट की जांच सिर्फ जिला अस्पताल में ही होती है। यहां तक कि बीआरडी से भी इस जांच के लिए पेशेंट्स यहीं भेजे जाते हैं। बिजली नहीं होने से बलगम और सीबीनेट की जांच अटक गई है। वहीं जांच रिपोर्ट भी लटकी हुई हैं। पेशेंट्स की प्रॉब्लम को देखते हुए बिजली कनेक्शन जुड़वाने के लिए प्रभारी सीएमओ ने डीएम को पत्र भेजा है।

रोज आते 20-25 मरीज

टीबी अस्पताल में बलगम के साथ एमडीआर मरीजों की सीबीनेट की जांच होती है। इसके लिए हर रोज आस पास के 8 से 10 मरीज आते हैं। वहीं मेडिकल कॉलेज से भी 10 से 15 मरीज जांच के लिए पहुंचते हैं। लेकिन यहां पर जांच ठप होने की वजह से न तो बलगम की जांच हो पा रही है और न ही सीबीनेट से रिपार्ट मिल पा रही है। जिसकी वजह से दूर दराज से आने वाले मरीजों को काफी परेशानी हो रही है।

गुरुवार को एक एचआईवी व टीबी से ग्रसित मरीज बीआरडी पहुंचा, जहां उसे जांच के लिए जिला अस्पताल स्थित टीबी अस्पताल भेजा गया। वह जब अस्पताल पहुंचा तो उसे लौटा दिया गया।

यह है समस्या

जिला अस्पताल के बिजली कनेक्शन से ही टीबी अस्पताल भी चल रहा था। लेकिन जिला अस्पताल प्रशासन ने 12 फरवरी को बकाया भुगतान की डिमांड करते हुए बिजली कटवा दी। इसके चलते अस्पताल का कामकाज ठप हो गया है। अभी कुछ रोज पहले एडी हेल्थ डॉ। पुष्कर आनंद ने जिला अस्पताल के एसआईसी से बातकर कनेक्शन जोड़ने की बात की लेकिन फिर भी बात नहीं बनी। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी प्रभारी सीएमओ को दी थी। उन्होंने इस संबंध में तीन रोज पहले डीएम को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया था।

वर्जन

बिजली कनेक्शन नहीं मिलने की वजह से टीबी अस्पताल का कामकाज प्रभावित हो रहा है। जांच के साथ रिपोर्ट भी मरीजों को नहीं मिल पा रही है। जनरेटर चलाने पर खर्च भी अधिक पड़ रहा है।

डॉ। रामेश्वर मिश्रा, क्षय रोग अधिकारी