340 बच्चे टीबी की चपेट में आ चुके हैं अप्रैल से अब तक

18 साल से कम है सभी बच्चों की उम्र

विभाग की समीक्षा बैठक में हुआ खुलासा, जीत संस्था के मानकों पर खरा न उतरने पर लगी फटकार

6 महीने में 9 हजार से ज्यादा मरीज टीबी के आए सामने

1799 मरीज टीबी के सामने आए थे जून में

70 प्रतिशत मरीज पुरुष जबकि 30 प्रतिशत मरीज महिलाएं

10-15 लोगों को बीमार बना सकता है टीबी का एक मरीज

Meerut। टीबी का वार बच्चों को भी धड़ल्ले से अपना शिकार बना रहा है। अप्रैल से अब तक 340 बच्चे इसकी चपेट में आ चुके है। हैरानी वाली बात ये है कि सभी बच्चे 18 साल से कम उम्र के है। एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक टीबी के वायरस हवा में तैरता है। इंफेक्शन फैलने की वजह से बच्चों में भी बीमारी फैलने लगी है।

ये है स्थिति

शहर में टीबी (टयूबरक्लोसिस ) तेजी से बढ़ रहा है। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार 6 महीने में 9 हजार से ज्यादा मरीज टीबी के सामने आ चुके है। इनमें सरकारी और प्राइवेट अस्पताल दोनों के मरीज शामिल है। जून में हुए टीबी एक्टिव फाइंडिंग अभियान के दौरान ही 1799 मरीज टीबी के थे। ये सभी ऐसे मरीज थे जिन्हें टीबी के बीमारी होने की जानकारी ही नहीं थी। इनमें 70 प्रतिशत मरीज पुरुष जबकि 30 प्रतिशत मरीज महिलाएं हैं।

तैरता रहता है वायरस

जिला टीबी अधिकारी डॉ। एमएस फौजदार का कहना है कि टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) का एक मरीज 10-15 मरीजों को टीबी का शिकार बना सकता है। टीबी के मरीज के खांसने के बाद इसका वायरस हवा में तैरता रहता है। इसका वायरस सिर्फ धूप में नष्ट होता है। वहीं अगर किसी व्यक्ति को टीबी हो और उसे जानकारी न हो तो वह भी अन्य व्यक्ति को इसका शिकार बना सकता है।

समीक्षा बैठक हुई।

टीबी की 7 योजनाओं को लेकर बुधवार को बचत भवन में समीक्षा बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता करते हुये पीडीडीआरडीए भानू प्रताप सिंह ने सरकार द्वारा नियुक्त जीत एजेंसी के कामों पर असंतुष्टता प्रकट की। साथ ही कड़ी निंदा भी की। इस दौरान राज्य स्तरीय दल के डॉ.अनुराग श्रीवास्तव, डॉ। मयंक मित्तल,डॉ। अमित पांडे, डा। पंकज लवानिया, डा। मनीष कुमार, डा। राजेश जैन, डा। आदर्श श्रीवास्तव सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहा।

फैक्ट फाइल

9723 टीबी के मरीज जनपद में हैं।

6749 मरीज सरकारी अस्पताल में हैं।

3264 मरीज प्राइवेट अस्पताल में है।

340 बच्चे अप्रैल से सितंबर तक मिले है। 18 साल से कम उम्र के सभी बच्चे है।

16 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक कॉमन रिव्यू मिशन के अन्तर्गत के्रन्द्रीय दल मेरठ व बहराईच जनपदों में समीक्षा करेंगे।

500 रुपये प्रतिमाह सरकार द्वारा टीबी के मरीजों को पोषण आहार के लिए दिया जाता है।