कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Teacher's Day 2021: शिक्षक दिवस की धूम पूरे भारत में देखने को मिलती है। भारत में हर साल की तरह इस साल भी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाएगा। इसके लिए विशेष तैयारियां की जा रही है। शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक, शिक्षाविद और लेखक थे। शिक्षा के क्षेत्र में लगाव होने की वजह से ही उन्होंने इस क्षेत्र में बहुत योगदान दिया। उनको सन् 1954 में शिक्षा और राजनीति में उनके अथक योगदान के लिए उन्हें भारत रत्‍न सम्मान से नवाजा गया। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन आजादी के बाद भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति बने थे।
इसलिए 5 सितंबर को ही मनाया जाता है कि शिक्षक दिवस
एक बार डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चाहने वालों और शिष्यों ने उनके जन्मदिन का अयोजन करने को कहा। इस पर उन्होंने अपील की कि यदि मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे यह काफी अच्छा लगेगा और यह मेरे लिए यह गर्व की बात हाेगी। इसके बाद से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन कहते थे कि एक शिक्षक का बच्चों को एक जिम्मेदार और आदर्श नागरिक बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है।
5 सितंबर 1888 को चित्तूर जिले जन्में थे राधाकृषणन
डाॅक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को चित्तूर जिले के तिरूत्तनी ग्राम में हुआ था। उन्होंने मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज और यूनिवर्सिटी ऑफ मैसूर से अपनी पढ़ाई लिखाई की। उन्होंने फिलासफी सब्जेक्ट में कई टफ कॉन्सेप्ट्स पर काम किया। स्टूडेंट्स उनके पास जब भी घर पर पढ़ने आते थे, तो वह उनका स्वागत करते थे, उन्हें चाय पिलाते थे। कहते हैं कि डाॅक्टर राधाकृष्णन समूचे विश्व को एक विद्यालय मानते थे। राधाकृष्णन ने 17 अप्रैल 1975 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

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