-चार की असामान्य मौत व दो ने लगा ली फ ांसी
-प्रदेश में 800 से अधिक शिक्षामित्र दे चुके जान
आगरा। अछनेरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत गुरुवार को एक और शिक्षामित्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने बताया कि वह काफी दिनों आर्थिक तंगी के चलते तनाव में था। शिक्षामित्र राजेन्द्र ब्लॉक अछनेरा के गांव फतेहपुरा सांधन में तैनात था। वह कुछ दिनों से आर्थिक तंगी से परेशान था। प्रदेश में अब तक शिक्षामित्रों की मौत सैकड़ों का आंकड़ा पार कर चुकी है। इसके बाद भी सरकार द्वारा ठोस इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। इससे शिक्षामित्र व उनके परिवारों पर रोटी-रोजी की संकट मंडरा रहा है।
त्योहार सरकार से लगाई उम्मीद
शिक्षामित्र संघ अध्यक्ष वीरेन्द्र छोंकर ने बताया कि सरकार से हुई वार्ता में शासन द्वारा दीपावली से पूर्व शिक्षामित्रों का मानदेह बढ़ाने की उम्मीद थी। राजेन्द्र भी इसी उम्मीद पर था कि इस बार मानदेय बढ़ जाएगा। लेकिन जब त्योहार बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो वह निराश हो गया और मानसिक तनाव में रहने लगा।
समय से नहीं मिल रहा मानदेय
शिक्षामित्रों को समय से मानदेय नहीं मिल रहा है। इसक कारण शिक्षामित्र मासिक अवसाद का शिकार हो रहे हैं। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह छौंकर कहते हैं कि सरकार की मंशा शिक्षामित्रों के परिवार को बर्बाद करने की है। कारण यही है कि समायोजन होने के बाद एक वर्ष का एरियर अभी तक सरकार ने नहीं दिया है।
सपा सरकार ने बनाया अध्यापक
सपा सरकार ने शिक्षामित्रों को समायोजित कर उन्हें सहायक अध्यापक बना दिया था। कोर्ट के हस्तक्षेप ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया। इसके बाद से शिक्षामित्र सरकार ने अपने रुके हुए एरियर की मांग रहे हैं। हालांकि सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय बहुत कम बढ़ा दिया था। लेकिन उन्हें मानदेय भी समय से नहीं मिल पा रहा है।
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लखनऊ में कर चुके हैं प्रदर्शन
उग्र शिक्षामित्रों ने 25 जुलाई को लखनऊ स्थित ईको गार्डन में मुंडन का प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने पांच सदस्यीय हाईपावर कमेटी बना दी। खबर है कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, लेकिन इस बाद भी प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों के प्रकरण में कोई अहम निर्णय नहीं लिया है। शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष का कहना है कि सरकार का रवैया शिक्षामित्रों के प्रति ठीक नहीं है।
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अब तक इतने शिक्षामित्र की जा चुकी है जान
18 सितंबर 18 में जारुआ कटरा के रहने वाले सोरन सिंह ने अपने खेत में जाकर फांसी लगाई। शुक्रवार को दिवाली के तीसरे दिन राजेन्द्र सिंह घर में फ ांसी लगा ली। वह समायोजन निरस्त हो जाने के बाद से ही अवसाद में था। राजेंद्र सिंह वर्ष 2004 में प्राथमिक विद्यालय फ तेहपुरा सांधन ब्लॉक अछनेरा में शिक्षामित्र बने थे। मूल विद्यालय वापिस किये जाने पर पुन: 18 अगस्त को अपने पूर्व के विद्यालय में लौटकर शिक्षामित्र के रूप में शिक्षण कार्य कर रहे थे। उनके तीन बेटी व एक पुत्र है। अब परिवार में रोजी-रोटी का संकट है। इसके पूर्व निजामुद्दीन, सत्यवीर, रीता देवी व सोन देवी की हृदयाघात से मौत हो गई।