- लोकसभा उप चुनाव ड्यूटी में भी लगा दिए गए यूपी बोर्ड परीक्षा में तैनात शिक्षक व अधिकारी

- दोहरी जिम्मेदारी की मार से परेशान शिक्षा विभाग के जिम्मेदार, कार्रवाई के डर से नहीं बोल रहा कोई

GORAKHPUR: एक तरफ नकल विहीन यूपी बोर्ड परीक्षा का फरमान और दूसरी तरफ गोरखपुर सदर सीट पर होने वाले उप चुनाव की तैयारियां। शिक्षा विभाग के जिम्मेदार इन दो महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के बीच फंसकर रह गए हैं। बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी कर रहे शिक्षक और अधिकारियों को अब निर्वाचन ड्यूटी के लिए चल रहीं मीटिंग्स का सामना भी करना पड़ रहा है।

अचानक आ रहा मीटिंग का बुलावा

जिला निर्वाचन अधिकारी की तरफ से अचानक मीटिंग में बुलाए जाने के कारण यूपी बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी में तैनात शिक्षक और अधिकारी परेशान हैं। बता दें, यूपी बोर्ड परीक्षा सकुशल संपन्न कराने के लिए कुल छह सचल दस्ते बनाए गए हैं। 11 जोनल को-ऑर्डिनेटर बनाए गए हैं। वहीं 23 सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। 107 स्टेटिक मजिस्ट्रेट ग्रामीण क्षेत्र में निगरानी कर रहे हैं। अब इन लोगों को गोरखपुर सदर सीट पर होने वाले उप चुनाव की तैयारियों में भी शामिल कर दिया गया है। जिसके तहत जिला प्रशासन की ओर से हो रही मीटिंग्स के लिए उन्हें भी अचानक ही बुलावा भेज दिया जा रहा है।

दो-दो जिम्मेदारियों का सह रहे बोझ

शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो उप चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद से ही जिला निर्वाचन अधिकारी की तरफ से मीटिंग का दौर शुरू हो चुका है। चुनाव में शिक्षा विभाग के उन अधिकारियों और शिक्षकों की भी ड्यूटी लगा दी गई है जो वर्तमान में बोर्ड परीक्षा ड्यूटी में तैनात हैं। इन लोगों को भी इन मीटिंग्स में बुलाया जा रहा है जिसमें बताया जा रहा है कि मतदान केंद्र पर किस प्रकार से ड्यूटी करनी है और वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल कैसे करना है। इस दोहरी जिम्मेदारी के बोझ से शिक्षा विभाग के ये लोग काफी परेशान हैं।

बोलें तो हो न जाए कार्रवाई

बीते दिनों, जिला निर्वाचन अधिकारी की तरफ से चुनाव ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की गई थी। उस कार्रवाई के भय से ही शिक्षा विभाग के शिक्षक व अधिकारी ये दोहरी मार झेलने को बेबस हैं। एक तरफ डिप्टी सीएम का आदेश है कि किसी भी दशा में परीक्षा केंद्रों पर नकल नहीं होनी चाहिए और दूसरी तरफ गोरखपुर सदर सीट पर होने वाले उप चुनाव में किसी प्रकार शिथिलता न बरते जाने का निर्देश है। इन्हीं दो आदेशों के बीच शिक्षा विभाग के जिम्मेदार पिस गए हैं। हालांकि किसी भी शिक्षक या अधिकारी ने इस बात की जिला प्रशासन के पास शिकायत दर्ज नहीं कराई है लेकिन चर्चा का बाजार गर्म है।

वर्जन

यूपी बोर्ड परीक्षा में लगाए गए शिक्षक व अधिकारियों की ड्यूटी लोकसभा उप चुनाव में भी लगाई गई है। चूंकि आदेश है तो इसका तो पालन करना ही है।

- ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया, डीआईओएस