- डीडीयूजीयू कैंपस में छात्र नेताओं के बाद टीचर्स भी चमकाने लगे शिक्षक संघ चुनाव की राजनीति

- यूजी क्लासेज के पहले दिन ही क्लास रूम में नहीं आए टीचर्स, छात्र नेताओं की कन्वेंसिंग से भी परेशान रहे स्टूडेंट्स

GORAKHPUR: यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्र नेताओं की हरकतों पर सख्ती दिखाने वाला डीडीयूजीयू प्रशासन अपने लोगों की मनमानी से आंखें फेर बैठा है। नेताओं की कैंपेनिंग रोकना तो छोडि़ए यहां गुरु जी ही क्लासेज छोड़ राजनीति की पाठशाला लगाकर बैठ गए हैं। बुधवार से शुरू हुईं यूजी की क्लासेज का हाल कुछ यही बयां कर रहा था। चाहे कला संकाय भवन हो या फिर मजीठिया भवन, हर जगह फ्रोफेसर्स बस शिक्षक संघ चुनाव को लेकर कन्वेंसिंग ही करते नजर आ रहे थे। वहीं, क्लासेज के इंतजार में बैठ नए स्टूडेंट्स छात्र नेताओं के परिचय ही सुनते रह गए।

पढ़ाई नहीं इन्हें दिख रहा चुनाव

डीडीयूजीयू में नए सेशन की यूजी क्लासेज बुधवार से शुरू हुईं। कला संकाय भवन में पहुंचे फ‌र्स्ट इयर स्टूडेंट्स को क्लासेज की जगह छात्र नेताओं और टीचर्स की कन्वेंसिंग देखने को मिली। छात्र नेता जहां नए स्टूडेंट्स से वोट देने की अपील कर समर्थन जुटाते दिखे। वहीं टीचर्स भी एक से दूसरे डिपार्टमेंट में जाकर हेड ऑफ डिपार्टमेंट से लेकर असिस्टेंट प्रोफेसर्स, रीडर से चार अगस्त को होने जा रहे शिक्षक संघ चुनाव के तहत वोट की अपील करते रहे। इस बीच क्लासेज में पहुंचे स्टूडेंट्स सिर्फ टीचर्स का इंतजार ही करते रह गए।

छात्र नेताओं पर भी नहीं है लगाम

कुछ यही हाल छात्र नेताओं का रहा। सभी ने नए स्टूडेंट्स को अपना-अपना परिचय दिया और वो भी चुनाव की कैंपेनिंग स्टाइल में। हाल ये रहा कि मेन गेट से ही छात्र नेता नए स्टूडेंट्स को कला संकाय भवन, दीक्षा भवन, होमसाइंस डिपार्टमेंट, साइंस फैकेल्टी, कॉमर्स फैकेल्टी तक पहुंचा रहे थे। हालांकि चीफ प्रॉक्टर प्रो। सतीश चंद्र पांडेय ने इस पर थोड़ी सख्ती दिखाई, लेकिन कुछ छात्र नेता फिर भी मनमानी से बाज नहीं आए।

कोट्स

यूनिवर्सिटी कैंपस का माहौल पूरी तरह राजनीतिक हो गया है। यूजी क्लासेज का पहला दिन था तो कम से कम क्लास तो चलनी ही चाहिए थी।

- ओंकार पासवान, स्टूडेंट

यूनिवर्सिटी में पहला दिन था। छात्र नेताओं के साथ टीचर्स भी कन्वेंसिंग में व्यस्त नजर आए। पहले दिन ही ये हाल है तो आगे क्लासेज का क्या हाल होगा।

- नेहा, स्टूडेंट

स्कूल में केवल किताबों में ही पूरी बेल निकल जाती थी। लेकिन यहां की तो पढ़ाई ही बहुत अजीब है। छात्र नेता और टीचर्स दोनों की राजनीति में व्यस्त रहते हैं।

- ज्योत्सना, स्टूडेंट

पहले दिन क्लास ही नहीं चली। टीचर्स को क्लास में तो आना ही चाहिए था।

- समा, स्टूडेंट

वर्जन

पहले दिन थोड़ी गहमागहमी रहती है। इधर कुछ दिनों तक चुनाव का प्रभाव थोड़ा रहेगा। लेकिन अगले कुछ दिनों में प्रॉपर क्लासेज शुरू हो जाएंगी।

- वीके सिंह, वीसी, डीडीयूजीयू