गंभीर रोग से पीडि़त को मिलना है वेटेज
allahabad@inext.co.inALLAHABAD: मेडिकल रिपोर्ट एम्स से जारी हो या फिर पीजीआई से, वह मान्य होगी। भले ही सीएमओ से काउंटर साइन न करायी गयी हो। इसके आधार पर किसी का आवेदन निरस्त नहीं किया जाएगा। शक की पुष्टि न होने पर आवेदक को जनरल कैटेगिरी में डाला जा सकता है। यह निर्देश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिनहा ने प्रदेश के सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी किया है।

जल्द जारी होनी है तबादला सूची
बेसिक शिक्षा परिषद में तैनात टीचर्स के इंटर डिस्ट्रिक्ट तबादले के लिए पिछले दिनो आनलाइन आवेदन पत्र लिये गये थे। तबादलों में उन्हें वरीयता मिलनी है जो असाध्य या गंभीर रोगों पीडि़त हैं। इसका लाभ उठाने के लिए तमाम शिक्षकों ने पीजीआई या फिर एम्स के प्रोफेसर या डॉक्टर से अपना मेडिकल सर्टिफिकेट बनाकर अपलोड किया है। आवेदन पत्रों का वेरीफिकेशन कर रहे बीएसए उन्हीं आवेदन पत्रों को तवज्जो दे रहे हैं जिन मेडिकल सर्टिफिकेट पर सीएमओ का काउंटर साइन है।

सचिव के दर पर भटक रहे शिक्षक
बाकी को रिजेक्ट किये जाने पर तमाम शिक्षकों ने इसकी शिकायत बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से की थी। शिक्षकों का कहना था कि जब उनका इलाज एम्स या पीजीआई में चल रहा है तो वहां का सर्टिफिकेट मान्य क्यों नहीं है? लगातार आ रही शिकायतों को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने संज्ञान लेते हुए नया आदेश जारी कर दिया। जिसमें सभी जिलों के बीएसए को निर्देश दिया गया है कि मेडिकल सर्टिफिकेट सीएमओ द्वारा काउंटर साइन न होने पर निरस्त न किया जाय। इस प्रकार के मामलों का संवेदनशील तरीके से संज्ञान लेते हुए राज्य या राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित चिकित्सीय संस्थान यथा पीजीआई, एम्स, अपोलो आदि से निर्गत मेडिकल सर्टिफिकेट को सही माना जाए। उसे इस आधार पर निरस्त न किया जाए कि सीएमओ द्वारा मेडिकल सर्टिफिकेट अभिप्रमाणित नहीं है। अगर किसी भी कारण असाध्य रोग की पुष्टि नहीं होती है तो उसे सामान्य कैटेगरी में शामिल करते हुए सत्यापित किया जाए।

इस प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुई थी। जिसको देखते हुए सभी बीएसए को निर्देश जारी कर दिया गया है। जिसमें एम्स, पीजीआई, अपोलो जैसे चिकित्सीय संस्था द्वारा जारी सर्टिफिकेट की जांच कर उसे सत्यापित किया जाए।

-संजय सिन्हा

सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद