- रिसर्च वर्क में चार से पांच लाख रुपए खर्च कर सकेंगे टीचर्स

- सीनेट की मीटिंग मिल चुकी है मंजूरी, यूजीसी को लिखा गया है लेटर

PATNA: पटना यूनिवर्सिटी में हर साल चार से पांच टीचर्स को चुना जाएगा और उन्हें बेहतरीन एकेडमिक और रिसर्च के लिए सम्मानित किया जाएगा। इन टीचर्स को एक साल के लिए चार से पांच लाख रुपए का फंड भी दिया जाएगा, जिसका यूज वे रिसर्च के लिए कर सकेंगे। इसमें रिसर्च के लिए फील्ड वर्क भी शामिल होगा। ये टीचर्स पीयू के स्टूडेंट्स को भी रिसर्च के लिए मोटिवेट करेंगे। पीयू में रिसर्च वर्क को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए इस कदम का नाम इनोवेटिव रिसर्च एक्टिविटी दिया गया है। सीनेट की मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है।

जल्द ही बनेगी एक कमेटी

साइंस के रिसर्चर लेबोरेट्री स्थापित कर सकेंगे या मशीन खरीद सकेंगे। शिक्षक इस राशि को अपने अनुसार खर्च करने के लिए स्वतंत्र होंगे। सिर्फ शर्त यह होगी कि वे राशि का उपयोग एकेडमिक व रिसर्च के कामों में करें। ऑफिसर्स ने बताया कि जल्द ही एक कमेटी बनेगी, जो इस प्रस्ताव को लागू करने का प्लान बनाएगी।

टीचर्स के लिए मानक

- अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में छपे रिसर्च पेपर एच-इंडेक्स।

- इसमें शोध करने वाले का शोध कितनी स्तरीय शोध पत्रिकाओं में कोट किया गया है।

- टीचर्स को मिले स्टेट, नेशनल व इंटरनेशनल पुरस्कार व सम्मान, फेलोशिप।

यूजीसी से राशि मिलनी तय

इस योजना के लिए लगभग ख्0 लाख रुपए से एक फंड तैयार किया जाएगा। यूजीसी से मिलने वाले साढ़े बारह करोड़ रुपए से ही फंड तैयार होगा। इस संबंध में यूजीसी को पत्र लिखा जा चुका है।

खर्च पर होगी पीयू की नजर

पटना यूनिवर्सिटी की ओर से नए रिसर्च करने वालों के खर्च पर नजर भी रखी जाएगी। राशि से रिसर्च में हुई प्रगति की समीक्षा होगी।

रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए यह नया फैसला है। फंड आवंटित हो चुका है। राशि रिलीज करने के लिए यूजीसी को पत्र लिखा गया है। इस राशि से सभी संकायों में रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा।

- डॉ। रंजीत कुमार वर्मा, प्रो-वीसी पीयू