-जिला प्रोबेशन विभाग, पुलिस और चाइल्ड लाइन मिलकर बच्चों को करेंगे एजुकेट

-गृह मंत्रालय के निर्देश पर स्कूलों में चलेगा अवेयरनेस कैम्पेन

साइबर क्राइम के सबसे ज्यादा शिकार यंगस्टर्स हो रहे हैं। तमाम ऐसे केस सामने आए जिसमें छोटी उम्र वालों की नादानी का फायदा उठाते हुए उनकी सोशल लाइफ से खिलवाड़ किया। साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं से यंगस्टर्स को बचाने के लिए सरकार गंभीर हो गई है। प्रशासन और पुलिस बच्चों को साइबर क्राइम से बचने का रास्ता सिखाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर चाइल्ड लाइन, पुलिस विभाग और जिला प्रोबेशन ऑफिस की संयुक्त टीम स्कूल-कॉलेजे के स्टूडेंट्स को साइबर अपराधियों के चंगुल से बचने का पाठ पढ़ाएगी।

बचाव के लिए बनाई बुक

इस योजना के तहत विभागीय टीम स्कूल-कॉलेजेज में जाकर अवेयरनेस कैंपेन चलाएगी। वहीं साइबर सेफ्टी की जानकारी देने और साइबर अपराधियों से बचाव के लिए एक बुक तैयार की गई है। इसके जरिए यंगस्टर्स को साइबर धमकी, सोशल साइटों पर बहलाने-फुसलाने, ऑनलाइन गेमिंग, ई मेल धोखाधड़ी, ऑनलाइन लेन-देन के साथ धोखाधड़ी, सोशल नेटवर्किग प्रोफाइल के साथ छेड़छाड़ जैसे तमाम चीजों से सुरक्षा के उपाय और जानकारी आकर्षक और सरल तरीके से दी गई है।

सोशल मीडिया पर दे रहे समय

डिजिटल युग में टीनएजर्स अपना काफी समय सोशल मीडिया पर बिता रहे हैं। ऐसे में उनके साथ साइबर क्राइम होने के चांसेज बढ़ चुके हैं। इंटरनेट, कंप्यूटर, स्मार्ट फोन और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के अन्य माध्यम बदलती लाइफ स्टाइल का हिस्सा बन गए हैं। आज स्कूली बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई ज्यादातर समय इनका इस्तेमाल करने में लगा है। इसी टेक्नोलॉजी के इतर साइबर क्राइम्स की संख्या भी निरंतर बढ़ रही है। हर रोज कोई न कोई साइबर फ्रॉड और साइबर क्राइम का शिकार हो रहा है।

चलाएंगे अवेयरनेस कैंपेन

'इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम' की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2017 में देश में 53 हजार साइबर क्राइम की घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें भुक्तभोगियों की संख्या में यंगस्टर्स की संख्या भी बड़ी है। यही वजह है कि बच्चों इस चंगुल से बचाने के लिए अवेयर करने की यह योजना बनाई गई है। जिला प्रोबेशन विभाग व चाइल्ड लाइन पुलिस विभाग की टीम के साथ मिलकर अवेयरनेस कैंपेन चलाएंगे।

साइबर क्रिमिनल ऐसे बनाते हैं शिकार

- मोबाइल फोन पर लॉटरी लगना, परीक्षा पास करवाने जैसा प्रलोभन देते हैं

- नौकरी लगवाना, लोन दिलवाना, खाता-बंद चालू करवाने आदि के मैसेज देते हैं

- फोटो-वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे फेसबुक या व्हाट्सएप पर वायरल करना।

- किसी की प्राइवेट बातों या वीडियो रिकॉर्ड कर उसे ब्लैकमेल करना।

बच्चों को भी मिलेगी हेल्प

- कोई बच्चा अकेला और बीमार हो।

- किसी बच्चे को आश्रय की जरूरत हो।

- कोई बच्चा छोड़ दिया गया हो या गुम हो गया हो।

- रास्ते पर किसी बच्चे का उत्पीड़न हो रहा हो।

- बाल विवाह हो, मानसिक या शारीरिक हिंसा से पीडि़त हो।

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यंगस्टर्स साइबर क्राइम से जुड़े मुसीबत में फंसे हों या किसी अन्य मामले में, उन्हें हर मुसीबत से निकालने के लिए टीम हमेशा तैयार रहती है। मंत्रालय से सर्कुलर आते ही उन्हें अवेयर करने के लिए कैंपेन की शुरुआत की जाएगी।

प्रवीण कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी