- घर हो बाहर कहीं भी नहीं सुरक्षित नहीं नारी

- स्कूल, कॉलेज, सड़क और अस्पताल कहीं नहीं है सुरक्षा

Meerut : स्कूल हो या कॉलेज, अस्पताल हो या फिर हो सड़क, आधी आबादी कहीं भी सुरक्षित नहीं है। नवरात्र में हम धूमधाम से मातृशक्ति को पूजते हैं। शहर में इन दिनों महिलाओं पर हो रहे अपराध की बाढ़ सी आ गई है। हर जगह नारी को दबाने के प्रयास किए जाते हैं, उसे बदनियत से देखा जाता है। अब सवाल उठता है कि आखिर नवरात्र में ये कैसा कन्या पूजन है।

कहां है सुरक्षा

-ख्क् सितम्बर, मेडिकल में तीमारदार के साथ छेड़छाड़। मेडिकल में महिलाओं की सुरक्षा दांव पर है। रात में ड्यूटी कर रहे गार्ड ने गायनिक वार्ड के सामने सो रही एक लड़की के साथ छेड़छाड़ की। मामले में विरोध करने पर लड़की के भाइयों को कमरा बंद कर पीटा गया।

- क्ब् सितम्बर, टीपीनगर में तैनात पुलिसकर्मी ने एक युवती को प्रेमजाल में फंसाया और दो साल तक शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करता रहा।

- क्क् सितम्बर, खरखौदा कस्बा स्थित प्राइमरी स्कूल के पास बुधवार को शाम ट्यूशन से जा रहीं छात्रा के साथ बाइक सवार तीन युवकों ने छेड़छाड़ करते हुए खींचने का प्रयास किया।

- 9 सितम्बर, केवी स्कूल में बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न, टीचर द्वारा फिफ्थ क्लास के स्टूडेंट के साथ शर्मनाक हरकत की गई।

- 9 सितम्बर, कंकरखेड़ा थाना के रामनगर मार्ग पर स्थित एक साइबर कैफे के मालिक ने कम्प्यूटर सिख रही छात्रा को ब्लू फिल्म दिखाकर उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया।

- 9 सितम्बर, बैंक में पैसे लेने गई महिला अल्लीपुर मोड़ पर शाम बदहवास हालत में मिली। पुलिस ने उसे गंभीर हालात में जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

- 7 सितम्बर, नौचंदी थाना के शास्त्रीनगर निवासी एक व्यापारी की बेटी को संगीत सिखाने का सपना दिखाकर एक युवक अगवा कर ले गया।

चौकाने वाले हैं आंकड़े

एनसीआरबी के आंकड़ों पर गौर करें तो ख्0क्फ् में मेरठ में महिलाओं के प्रति होने वाले विभिन्न अपराधों व छेड़छाड़ की घटनाओं के लगभग 78म् केस दर्ज हुए। मेरठ में की महिलाओं की पॉपुलेशन छह लाख 70 हजार है। मेरठ में होने वाले तीन रेप केस में क्0 से क्ब् की उम्र की दो व क्ब् से क्8 की उम्र में एक लड़की के साथ रेप केस की वारदात दर्ज होती है। यूपी के आंकड़ों पर गौर करें तो ख्0क्फ् में महिलाओं के साथ होने वाली अपराधिक घटनाओं के लगभग फ्ख् हजार भ्ब्म् केस दर्ज हुए हैं। वहीं यूपी में महिलाओं की पॉपुलेशन नौ करोड़ 88 लाख फ्क् हजार है। यूपी में पिछले साल म्क् रेप केस की घटनाओं के मामले दर्ज हुए, जिनमें क्0 से क्ख् उम्र में क्क्, क्0 से क्ब् की उम्र के ख्ख्, क्8 से फ्0 की उम्र के 8 और फ्0 से भ्0 की उम्र में दो केस दर्ज हुए थे। यह तो केवल उन्हीं केस की बात हो रही है, जिन मामलों की जानकारी एनसीआरबी के रिकॉर्ड में है। इसके अलावा न जाने कितने रेप व गैंगरेप केस ऐसे हैं, जो सामने ही नहीं आ पाए है।

क्या कहते हैं पिछले पांच साल के आंकड़ें

आईपीसी के तहत दर्ज पिछले पांच सालों के आंकड़ें महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों के बढ़ने का ही संकेत दे रहे हैं।

वर्ष टोटल क्राइम वूमेंस क्राइम वूमेंस

ख्009 ख्क्,ख्क्फ्,ब्भ् ख्0,फ्80ब् 9 ़ख्

ख्0क्0 ख्ख्, ख्ब्8,फ्क् ख्क्,फ्भ्8भ् 9़म्

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फिर क्यों करते हैं कन्या पूजन

शहर की तमाम एनजीओ, महिला संगठन और महिलाओं का मानना है कि अगर इसी तरह से हर दिन किसी की बेटी, बहन के साथ अपराध होगा, तो फिर कन्या पूजन करने का कोई महत्व नहीं बनता है। क्योंकि कन्या पूजन के नौ दिन हम मां के नौ रूपों को कन्याओं के रुप में पूजते हैं, लेकिन अगर हम भ्रूण हत्या, बलात्कार, छेड़छाड़, दहेज उत्पीड़न, घरेलू मारपीट आदि शोषण के जरिए नारी को असुरक्षा महसूस कराते हैं, तो फिर इस पूजन से कोई लाभ नहीं होने वाला।

क्या कहती है आधी आबादी

भले किसी की बहू हो या बेटी शहर में कोई सुरक्षित नहीं है। ऐसा प्रतीत होने लगा है कि शहर में इंसानियत नाम की चीज ही नहीं बची है।

अंजू पांडे, इनर व्हील क्लब शास्त्रीनगर

हर दिन इसी तरह की घटनाओं को अंजाम देने वालों ने पूरे शहर को शर्मसार किया है। आखिरकार इस कन्या पूजन का महत्व भी तभी है, जब यहां वास्तव में लड़कियां खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी।

अतुल शर्मा, संस्थापिका संकल्प संस्था

किसी की बेटी पहले एक कन्या है, लेकिन दरिंदे दुष्कर्म जैसी घटनाओं को अंजाम देकर कन्या पूजन के महत्व को ही खत्म कर रहे हैं।

डॉ। कविता जैन, प्रिंसीपल, आसाराम दिगम्बर जैन ग‌र्ल्स डिग्री कॉलेज, छपरौली

कन्या पूजन करने की जगह अगर हम एक मासूम को किसी हैवान के चंगुल से सुरक्षित बचा लें, तो उसका फल कन्या पूजन से भी ज्यादा मिलेगा। -साधना श्रीवास्तव, मानसी संस्था

शहर में बस स्टॉप हो या सड़क आज कल हर जगह महिलाओं को अपनी सुरक्षा का खतरा है। शहर का बिगड़ता माहौल महिलाओं के लिए खतरनाक होता जा रहा है।

-प्रियंका खन्ना, स्टूडेंट

इस तरह के अपराधों को खत्म करने के लिए हमें खुद ही पहल करनी होगी। हम लड़कियों को अपनी आवाज बुलंद कर इन लफंगो को मुंह तोड़ जवाब देना होगा। वास्तव में तभी इन्हें नारी शक्ति का एहसास होगा।

-अंजली, स्टूडेंट

अब तो लड़कियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं, इसके लिए हमें खुद को ही आत्मविश्वासी व साहसी बनना होगा। ताकि फिर किसी के मन में यह शंका न रहे कि नारी अबला है।

-आस्था, स्टूडेंट