- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की खबर पर मुहर, उत्तराखंड विधानसभा में गूंजा मामला

- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट लगातार उठाता आया है रोडवेज की बसों का मामले

- सरकार ने माना, नई बसों में टेक्निकल खराबी, कराई जा रही है जांच

>DEHRADUN: दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खबर पर आखिरकार मुहर लग गई। रोडवेज की बसों में टेक्निकल फॉल्ट का मामला उत्तराखंड विधानसभा में गूंजा। शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष ने मामला उठाया तो सरकार ने सदन में इस बात को स्वीकारा। कहा, कुछ नई बसों में टेक्निकल खराबी आई है। यही वजह है कि अब सभी नई बसों की जांच कराई जा रही है। लेकिन परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने रोडवेज की बसों की खरीद में घोटाले की शंका को सिरे से खारिज किया। कहा, विपक्ष एविडेंस दे तो सरकार जांच के लिए तैयार है।

14 दिसंबर को पहुंचेगी टीम

फ्राइडे को सदन में परिवहन निगम के जरिए हाल ही में खरीदी गई 150 बसों का मामला गूंजा। लीडर अपोजिशन डा। इंदिरा हृदयेश ने कहा कि हाल ही में परिवहन निगम ने 36 करोड़ की कीमत से जो 150 बसें खरीदी हैं। उनमें से कई बसें सड़क पर जैसे ही उतरी, कुछ के गियर लीवर टूट गए। जिससे अब एक भी नई बस नहीं चल रही है। ये चालकों के अलावा आम लोगों की जान के साथ न केवल खिलवाड़ है, बल्कि इन बसों की खरीद को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। लीडर अपोजिशन ने बसों की खरीद पर एसआईटी जांच की मांग की। वहीं प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार ने अभी तक लोकायुक्त का गठन नहीं किया। डिप्टी लीडर अपोजिशन करण माहरा ने कहा कि बसों की खरीद और उसके बाद सामने आई टेक्निकल खराबी के कारण यह चालक व आम लोगों की जान के साथ खिलवाड़ है। वरिष्ठ विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल हरीश धामी, ममता राकेश, राजकुमार व मनोज रावत ने भी इस मामले की हायर लेवल जांच की डिमांड की। बदले में परिवहन मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बसों में टेक्निकल खामियां सामने आने के बाद बसों का संचालन रोका गया। अब इन बसों का परीक्षण किया जा रहा है। परिवहन मंत्री ने कहा कि बसों की खरीद में कोई घोटाला नहीं हुआ है। विपक्ष सबूत दे तो जांच के लिए सरकार तैयार है। कहा, आगामी 14 दिसंबर को सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट की टीम नई बसों के निरीक्षण के लिए पहुंच रही है। बताया कि सरकार के पास परफॉरमेंस बैंक गारंटी के रूप में टाटा कंपनी का 1.91 करोड़ रुपये जमा है।