-एमएनएनआईटी के 60वीं हीरक जयंती समारोह में पहुंचे इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, रखे अपने विचार

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PRAYAGRAJ: मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान की 60वीं वर्षगांठ हीरक जयंती समारोह का भव्य आयेाजन हुआ। इस मौके पर चीफ गेस्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट जस्टिस गोविंद माथुर के साथ ही निदेशक एमएनएनआईटी प्रो। राजीव त्रिपाठी, डीन योजना एवं विकास प्रो। एमएम गोरे, डीन शोध एवं परामर्श प्रो। गीतिका, कुलसचिव डॉ। सर्वेश तिवारी ने दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम की शुरुआत की।

इस मौके पर संस्थान के निदेशक प्रो। राजीव त्रिपाठी ने चीफ जस्टिस को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने इंजीनियरिंग के महत्व पर चर्चा करते हुए अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति में टेक्नोक्रेट्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके पहले संस्थान के निदेशक ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान के इतिहास के बारे में विस्तार से चर्चा की।

2002 में डीम्ड यूनिवर्सिटी में बदला एमएनएनआईटी

संस्थान की उपलब्धियों के बारे में चर्चा करते हुए निदेशक प्रो। राजीव त्रिपाठी ने बताया कि दो दिसंबर 1960 में संस्थान अस्तित्व में आया। भारत सकार और प्रदेश सरकार के संयुक्त उद्यम के रूप में संस्थान स्थापित हुआ और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से संबंद्ध रहा। दो साल संस्थान 2000 से 2002 तक संस्थान यूपी से संबद्ध रहा। अपने 45 साल के एक्सपीरियंस और अचीवमेंट्स के साथ लंबा रास्ता तय करने के बाद 26 जून 2002 को एमएनएनआईटी को भारत सरकार की ओर से वित्त पोषित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान और डीम्ड यूनिवर्सिटी में बदल दिया गया। संस्थान में सिविल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बैचलर डिग्री प्रोग्राम शुरु हुए। इतना ही नहीं 1976-77 में कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री कार्यक्रम शुरू करने वाला देश का पहला तकनीकि संस्थान बना। इस दौरान उन्होंने संस्थान की कई उपलब्धियों के बारे में विस्तार से चर्चा की। इसके बाद डीन योजना एवं विकास प्रो। एमएएम गोरे ने संस्थान की उपलब्धियों की चर्चा की। आखिर में कल्चर प्रोग्राम पेश किए गए। मंच का संचालन डॉ। तृप्ति सिंह ने किया। आखिर में कुलसचिव डॉ। सर्वेश तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।