अखंड सौभाग्य की कामना में महिलाओं ने रखा हरितालिका तीज व्रत

कच्ची मिट्टी से बने शंकर-गौरी की विधि-विधान से की पूजा

VARANASI

अखंड सौभाग्य की कामना में रविवार को सुहागिनों ने बुधवार का पूरा दिन बिना पानी के ही गुजार दिया। यह उनकी मजबूरी नहीं उनका व्रत था। सुहागिनों ने हरितालिका तीज व्रत परंपरा का परंपरा का निर्वाह किया और दिन भर बिना अन्न पानी के रहीं। शाम को भगवान भोलेनाथ और देवी गौरी की पूजा कर उनसे अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा। वहीं कुंवारी कन्याओं ने सुयोग्य वर के लिए इस कठिन व्रत का संकल्प पूरा किया। व्रती महिलाओं ने पूजन के समय तीज व्रत कथा का श्रवण भी किया। नव विवाहिताओं में तीज व्रत को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला। आज के दिन मंगलागौरी के दर्शन की मान्यता है। सुबह से ही महिलाओं का दूध विनायक स्थित मंगलागौरी मंदिर में दर्शन के लिए रेला उमड़ता रहा।

खरीदारी का दौर रविवार को भी

हरितालिका तीज की खरीदारी का दौर रविवार को भी पूरे जोश से जारी रहा। महिलाओं ने साजो श्रृंगार के साथ पूजन आदि सामानों की खरीदारी की। तीज की पूजा में कच्ची मिट्टी से बने शंकर व पार्वती की प्रतिमा पूजन की परंपरा है। शहर के कई जगह भगवान भोलेनाथ की प्रतिमाओं की दुकानें सजी हुई थीं। महिलाओं ने प्रतिमा खरीद कर परंपरा का निर्वाह किया। फल-फूल की खरीदारी भी जोरों पर रही। मंगलवार की रात महिलाओं ने सर्गी के दौरान मलाई, रबड़ी, रसगुल्ला, सूतफेनी, फल का सेवन किया और अखंड सौभाग्य के लिए अगले दिन तक एक बूंद जल भी न ग्रहण करने का संकल्प लिया।

सूर्योदय के बाद पूरा होगा व्रत

व्रती महिलाएं दूसरे दिन गुरुवार को सूर्योदय होने के बाद अपना व्रत तोड़ेंगी। घरों में इस अवसर पर विभिन्न तरह के पकवान बनाये जायेंगे। महिलाओं ने इसकी तैयारी कर रखी है। इसके अलावा सुबह-सवेरे खाने पीने की दुकानें ही सज जाती हैं। कचौड़ी- जलेबी, मालपुआ व अन्य खाने पीने के चीजों की बिक्री सुबह से शुरू हो जाती है। कई इलाकों में तो मिठाई आदि की दुकानों पर व्यंजनों के बनाने और बेचने का काम रात में ही शुरू हो गया था।