-विकासनगर पुलिस ने एक मकान में छापा मारकर किशोरी को छुड़ाया

-पुलिस ने आरोपियों को कस्टडी में लेने के बाद छोड़ा

-किशोरी ने बाल कल्याण समिति में सुनाई आपबीती, एफआईआर के आदेश

LUCKNOW: जिस प्रेमी के दिखाए सपनों पर भरोसा करके वह अपने मां-बाप को छोड़ गोरखपुर गई, वही प्रेमी महज 15 दिन बाद उसे अकेला छोड़कर फरार हो गया। किशोरी वापस घर जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंची। लेकिन, वहां मिली महिला भी उसे झांसा देकर लखनऊ ले आई और जिस्मफरोशी के दलदल में धकेल दिया। करीब छह माह तक किशोरी बंधक बनाकर जिस्मफरोशी कराई गई। भनक लगने पर कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आरोपियों को कस्टडी में लेते हुए किशोरी को सकुशल बरामद कर लिया। लेकिन, बाद में सबकुछ जानते हुए भी आरोपियों को छोड़ दिया। और फिर, किशोरी को लावारिस हालत में मिलने का दावा करते हुए चाइल्डलाइन को सौंप दिया। पीडि़ता ने बाल कल्याण समिति के सामने अपनी आपबीती सुनाई। समिति ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई के आदेश दिये, तब जाकर पुलिस ने आरोपी महिला को अरेस्ट कर लिया है।

पड़ोसियों ने दी थी सूचना

विकासनगर सेक्टर-2 स्थित एक पूर्व मंत्री के आवास के करीब एके सिंह का अर्धनिर्मित मकान है। मकान में कई परिवार किराये पर रहते हैं। स्थानीय लोगों की सूचना पर रविवार देररात पुलिस ने उस मकान में छापा मारकर सीवान निवासी स्वाति (बदला नाम) को मुक्त कराया। मौके से भारी तादाद में अश्लील सामग्री व दवाएं मिलीं। मौके से दो औरतों व एक आदमी को भी पकड़ लिया। स्वाति ने पुलिस को बताया कि छह माह पूर्व वह अपने प्रेमी के संग भागकर गोरखपुर आ गई थी। करीब 15 दिन उसने एक किराये का कमरा लेकर उसे रखा। लेकिन, उसके बाद वह उसे जल्द लौटकर शादी करने करने का झांसा देकर फरार हो गया। जिसके बाद वह वापस सीवान जाने के लिये गोरखपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। जहां उसे नीलम नाम की महिला मिली। उसने उसे घर पहुंचाने का झांसा दिया और उसे लखनऊ लाकर उससे जिस्मफरोशी में ढकेल दिया।

पड़ोसी के सुपुर्द कर वापस लौट गई

स्वाति के इस बयान के बाद पुलिस ने स्वाति को पड़ोस में रहने वाली कुसुमा के सुपुर्द कर दिया। पुलिस का कहना था कि थाने में महिला कॉन्सटेबल नहीं है, इसलिए वे उसे साथ नहीं ले जा सकते। कुसुमा ने बताया कि स्वाति को बंधक बनाने वाली दोनों औरतें व एक आदमी जिन्हें पुलिस पकड़कर साथ ले गई थी, वे सुबह होते ही वापस लौट आए और स्वाति को जबरन साथ ले जाने लगे। इस दौरान आरोपी महिलाओं ने कुसुमा व स्वाति के संग मारपीट भी की। कुसुमा ने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। जानकारी मिलने पर कॉन्सटेबल रामाश्रय सिंह मौके पर पहुंचे और सभी को थाने ले आए। जिसके बाद विकासनगर पुलिस ने चाइल्ड लाइन को सूचना दी। जानकारी मिलने पर चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ता विजय पाठक व पूजा गौतम थाने पहुंचे। विजय पाठक के मुताबिक, विकासनगर पुलिस ने उन्हें बताया कि स्वाति मामा चौराहे के पास कुसुमा नाम की महिला को लावारिस हालत में पड़ी मिली। पूछताछ में स्वाति ने बताया है कि भाभी से झगड़ा होने पर वह भागकर लखनऊ आ गई।

पुलिस पर धमकाने का आरोप

जिस वक्त पुलिस ने छापा मारा, स्वाति डर के मारे बाथरूम में छिप गई। पड़ोसी किरायेदारों ने जब उसे समझाया-बुझाया तब जाकर वह दरवाजा खोलकर बाहर आई। बताया जाता है कि सुबह थाने पहुंचने पर पुलिस ने स्वाति को धमकाया। जिस वजह से वह उस वक्त वहां कुछ भी नहीं बोली। हालांकि, चाइल्ड लाइन पहुंचने के बाद वह फट पड़ी और उसने अपनी पूरी आपबीती चाइल्ड लाइन कर्मियों के सामने बयां कर दी।

खुद को बताया था एलआईसी एजेंट

मकान की देखभाल करने वाले स्वामी नाथ गुप्ता ने बताया कि उन्होंने जितेंद्र नाम के शख्स को मकान किराये पर दिया था। उसने खुद को एलआईसी एजेंट बताते हुए अपना कार्ड भी दिखाया था। मकान के जिस हिस्से में जितेंद्र रहता था, उसमें आने-जाने के लिए मकान के आगे-पीछे दोनों ओर से दरवाजे हैं।

लगता था लग्जरी गाडि़यों का जमावड़ा

मकान में रहने वाले दूसरे किरायेदारों के मुताबिक, इस मकान में रात होते ही लग्जरी गाडि़यों का जमावड़ा लग जाता था। घर में रोजाना गीत-संगीत की महफिल सजती थी, जिसमें कम उम्र की लड़कियां शामिल होती थीं। किरायेदारों ने बताया कि मकान में रात में आने वाले लोग पिछले दरवाजे से आते थे, इसलिए उन्हें इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी।

बाल कल्याण समिति के सामने बताई हकीकत

चाइल्ड लाइन के कोऑर्डिनेटर अजीत सिंह कुश्वाहा ने बताया कि स्वाति को बाल संरक्षण समिति न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जहां उसने खुद के संग हुई दरिंदगी की दास्तान तफ्सील से बताई। स्वाति ने पुलिस की कारस्तानी को भी न्यायालय के सामने उजागर कर दिया। समिति ने विकासनगर पुलिस को फटकार लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।