-हरितालिका तीज के अवसर पर बनारसी कंगन का क्रेज

PATNA: हरितालिका तीज को लेकर पटना के बाजारों में रौनक रही। व्रत को लेकर सुहागिन महिलाओं ने नए वस्त्रों, आभूषणों और पूजा सामग्री के साथ चूड़ी की जमकर खरीदारी की। चूड़ी खरीदने के लिए महिलाएं पटना सिटी से लेकर दानापुर खगौल के थौक और फुटकर विक्रेताओं के यहां रविवार देर शाम तक जुटी रहीं। पटना में चूड़ी की व्यापार कर रहे कारोबारियों की मानें तो इस बार पिछले पांच दिनों में 1.5 करोड़ रुपए से अधिक की डिजाइनर चूडि़यों की बिक्री हुई। जो पिछले साल की तुलना में सीधे डबल है।

कंगन और लहठी की डिमांड

तीज को खास ढंग से सेलिब्रेट करने के लिए बहू-बेटियों और सहेलियों के साथ महिलाएं चूड़ी की खरीदारी की। दानापुर शिवालय के चूड़ी विक्रेता सरोज ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल चूडि़यों का सेल बढ़ गया है। महिलाओं के लिए बनारसी चूड़ी और लहठी विशेष रूप से आकर्षण का केन्द्र रहा। नवविवाहिताओं ने लहठी की खरीदारी ज्यादा की। जबकि कुंवारी लड़कियां बनारसी कंगन की खरीदारी में रुचि दिखाई। साथ ही मेहंदी की डिमांड भी युवतियों में अधिक देखी गई।

महंगाई पर आस्था भारी

उल्लेखनीय है कि सुहागिन महिलाएं तीज व्रत को निर्जला करती हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि हरतालिका तीज करने वाली महिलाओं का सुहाग लंबे समय तक बना रहता है। व्रत के दौरान महिलाएं विभिन्न प्रकार के नए परिधान और साज-सज्जा की सामग्री की खरीदारी बाजार से करती हैं। पटना सिटी के बाजारों से चूड़ी खरीद कर लौटी महिलाओं ने बताया कि चाहे जितनी महंगाई हो जाए, व्रत तो करना है। हां, खर्च में थोड़ी कटौती होना लाजिमी है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल चूडि़यों और साज-सज्जा की सामग्री ज्यादा महंगी हो गई है। मगर चूड़ी सुहाग की प्रतीक है इसलिए महंगाई चाहे जितनी भी हो, चूड़ी खरीदना तो अनिवार्य है। साथ ही श्रृंगार की अन्य सामग्री की खरीदारी की।

पिछले साल की तुलना में इस बार चूड़ी बाजर में ज्यादा रौनक रही। नवविवाहिता से लेकर कुंवारी लड़कियों ने भी चूडि़यों की खरीदारी की। पिछले पांच दिनों में थौक चूड़ी मंडी से डेढ़ करोड़ से अधिक की चूडि़यों की खरीदारी हुई है। जो पिछले साल की तुलना में सीधे डबल है।

-ब्रजेश शंकर, चूड़ी व्यापारी, पटना सिटी