- तेजस्वी ने कहा, लालू-राबड़ी राज में चूक हुई है, उसे स्वीकार करता हूं

PATNA: बेरोजगारी हटाओ यात्रा की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को पटना में चुनावी वादों की झड़ी लगा दी। केंद्र और राज्य सरकार पर हमले जारी रखा और सत्ता पक्ष द्वारा उठाए जा रहे 15 साल बनाम 15 साल के सवालों का सिलसिलेवार जवाब दिया। लालू-राबड़ी सरकार के समय की चूक को उन्होंने बड़ी सहजता से स्वीकार किया और कहा कि कुछ गलतियां हो सकती हैं। किंतु अब नया जमाना है और हमें नया बिहार बनाना है।

बेरोजगारी दूर करें या समर्थन करें

रविवार को वेटनरी कालेज में आयोजित सभा में तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश करते हुए कहा कि वह बेरोजगारी दूर करें या मेरी यात्रा का समर्थन करें। अगर वह युवकों को रोजगार दे दें तो मैं अपनी यात्रा को रोक सकता हूं। तेजस्वी ने सरकार में आने पर बेरोजगारी दूर करने के उपाय बताते हुए कहा कि प्रदेश में डोमिसाइल नीति लागू करेंगे। 85 फीसद नौकरियां बिहारियों के लिए आरक्षित होंगी।

ध्यान हटाने के लिए लाया गया

तेजस्वी ने कहा कि लालू प्रसाद के जिंदा रहते एनपीआर, एनआरसी और सीएए जैसा कानून बिहार की धरती पर लागू नहीं हो सकता है। यह सब अहम मसलों से जनता का ध्यान हटाने के लिए लाया गया है। तेजस्वी ने बिहार में बेरोजगारी के आंकड़े भी दिए और कहा कि 45 वर्षो में सबसे अधिक 11.47 फीसद बेरोजगारी दर है। सभा को रघुवंश प्रसाद सिंह, शिवानंद तिवारी, तेज प्रताप यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, मनोज झा, कांति सिंह, भाई वीरेंद्र, रामचंद्र पूर्वे, रमई राम, वृषिण पटेल, अवध बिहारी चौधरी, डॉ। तनवीर हसन, उदय नारायण चौधरी एवं अख्तरूल इस्लाम शाहीन ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने और संचालन प्रधान महासचिव आलोक मेहता और प्रवक्ता चितरंजन गगन ने किया।

तो मुरली बजाऊंगा : तेज प्रताप

तेज प्रताप यादव ने खुद को अपने छोटे भाई तेजस्वी का सारथी बताया और उन्हीं से पूछकर मंच से शंख भी बजाया। राजद के उत्साहित कार्यकर्ताओं से वादा किया कि अभी शंख बजा रहा हूं और तेजस्वी की सरकार बनेगी तो मुरली बजाऊंगा। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी से डर नहीं लगता है। अगर किसी में हिम्मत है तो तेजस्वी का रथ रोककर दिखा दे। मैं सिर्फ अपने पिता से और उसके बाद जगदानंद सिंह के अनुशासन से डरता हूं। तेज प्रताप ने खुद को असली लालू बताया और कहा कि इसीलिए सब मेरे पीछे पड़े हैं। पारिवारिक विवाद से इनकार किया।