- बिना पूर्व सूचना टेलीकॉम कंपनियों ने बदल दिए प्लान

- चीटफुल सर्विसेज से परेशान हो रहे हैं उपभोक्ता

<

- बिना पूर्व सूचना टेलीकॉम कंपनियों ने बदल दिए प्लान

- चीटफुल सर्विसेज से परेशान हो रहे हैं उपभोक्ता

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: प्रदीप यादव बहुत ज्यादा परेशान हैं। उन्होंने ख्8 अक्टूबर को मोबाइल एसएमएस पैक डलवाया था। जिसकी वैलिडिटी फ्0 दिन थी लेकिन क्भ् दिन में ही सर्विसेज बंद हो गई। इसी टेलीकॉम कंपनी के अनलिमिटेड कॉल वैलिडिटी पैक में भी उनके साथ धोखा हुआ। ख्8 दिन की वैलिडिटी घटकर ख्क् दिन हो गई। कस्टमर केयर से शिकायत करने पर भी उन्हें सही जवाब नहीं मिला। ये तो उदाहरण है। आलमोस्ट सभी टेलीकॉम कंपनियां ऐसा ही कर रही हैं। पूर्व सूचना दिए बगैर उनके प्लान चेंज हो जाते हैं, जिसका खामियाजा उपभोक्ता को भुगतना पड़ता है। हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं।

पैसे नहीं वैलिडिटी देखिए जनाब

मार्केट में दर्जनभर से अधिक टेलीकॉम कंपनियां अपने सिमकार्ड बेच रही हैं। इनके टैरिफ प्लान के रेट भी पहले वाले हैं लेकिन बावजूद इसके उन्होंने कई बदलाव किए हैं। बिना रेट बदले कैसे प्लान महंगा हो सकता है, ये बड़ा सवाल है। दरअसल, इस कंपनियों ने प्लान की वैलिडिटी घटा दी है। जिसके बारे में उपभोक्ता को जानकारी नहीं है। लगभग सभी कंपनियां, जिनकी टैरिफ वैलिडिटी पहले फ्0 दिन थी, अब घटकर ख्8 दिन हो गई है। ऐसे में दो दिन कम करके उन्होंने प्लान महंगा कर दिया है।

पहली दो कॉल आराम से करिए

कॉलिंग टैरिफ प्लान में वैलिडिटी कम करने के साथ टेलीकॉम कंपनियों ने एक और बदलाव किया है। उन्होंने दिन की पहली दो कॉल फुल चार्ज पर रखी है। अगर उपभोक्ता ने लंबी बात कर ली तो उसका बैलेंस खतरे में पड़ सकता है। इसकी जानकारी भी काफी कम लोगों को है। शुरुआती दो कॉल के बाद बाकी कॉल पर टैरिफ रेट लागू होगा। इसके अलावा गाहे-बगाहे बैलेंस डिटेक्शन की शिकायत भी उपभोक्ता करते रहते हैं। कस्टमर केयर भी इसका सॉल्यूशन आसानी से नहीं मिलता।

इंटरनेट प्लान भी अछूता नहीं

प्राइवेट टेलीकॉम सेक्टर के साथ बीएसएलएन ने भी हाल ही में अपने इंटरनेट प्लान में काफी चेंजेस किए हैं। उसने इंटरनेट टैरिफ की वैलिडिटी घटाने के साथ इसकी कैपेसिटी को दो से घटाकर एक जीबी कर दिया है। इसे समझ पाना उपभोक्ता के लिए आसान नहीं है। सभी टेलीकॉम सेक्टर्स द्वारा इंटरनेट मिनी पैक की वैलिडिटी तो ख्ब् घंटे रखी गई है लेकिन इसका निर्धारण रात क्ख् बजे से किया जाता है। इसके चलते लोगों का पैक कई बार बिना यूज किए ही खत्म हो जाता है।