स्पेक्ट्रम नीलामी के बाद बढ़ेंगे कॉल रेट

टेलिकॉम कंपनियों ने कहा है कि आने वाले दिनों में कॉल रेट्स के बढ़ने की संभावना है. कंपनियों ने इस बढ़ोतरी के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी को जिम्मेदार ठहराया है. दरअसल स्पेक्ट्रम नीलामी से टेलिकॉम कंपनियों पर 30 हजार करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ेगा. गौरतलब है कि वर्तमान में टेलिकॉम कंपनियां ढाई लाख करोड़ कर्जे में दबी हुई हैं. इसलिए जब आने वाले दिनों में स्पेक्ट्रम नीलामी होगी तो यह कर्जभार और ज्यादा बढ़ेगा.

सीओएआई ने कहा कॉल रेट बढ़ाना मजबूरी

इस बाबत सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोशिएशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर जनरल राजन एस मैथ्यूज ने अपना बयान दिया है. मैथ्यूज कहते हैं कि कर्ज बढ़ने के साथ-साथ टेलिकॉम कंपनियों पर लग रहे ब्याज में भी वृद्धि होगी. ऐसे में कंपनियों को कॉल रेट बढ़ाकर अपना बैलेंस बनाना होगा. इसके साथ ही मैथ्यूज ने कहा कि इस एक्स्ट्रा कॉस्ट को कंज्यूमर्स पर ही डाला जाएगा. इसके अलावा सरकार को लाइसेंस फीस या स्पेक्ट्रम यूसेज चार्जेज कम करने होंगे.

फरवरी में होगी स्पेक्ट्रम नीलामी

सूत्रों के मुताबिक 900 मेगाहर्ट्ज और 1800 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की नीलामी फरवरी में की जा सकती है. टेलिकॉम अथॉरिटी रेगुलटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने सरकार से स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए कुछ वक्त मांगा था. ट्राई ने सरकार से अनुरोध किया था कि नीलामी को तब तक रोक दिया जाए जब तक वह लिमिटेड एयरवेव्स में समुचित स्पेक्ट्रम नही बेच लेती. गौरतलब है कि ट्राई चेयरमैन राहुल खुल्लर ने कहा था कि इस नीलामी से इंडस्ट्री तीन चार साल पीछे चली जाएगी. मॉर्गन स्टेनली ने हाल ही में एक रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया था कि एयरटेल छह सर्किलों में अपनी एयरवेव्स को वापस पाने के लिए 16200 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके साथ ही आइडिया सेल्यूलर भी नौ सर्किलों में अपने स्पेक्ट्रम को बचाने के लिए 16500 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है.

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