यूको बैंक में लॉकर चोरी की वारदात के बाद ग्राहकों का उठने लगा भरोसा

अब बैंक से सालों पुराने लॉकर को बंद करने का प्रॉसेस पूछ रहे कस्टमर्स

ALLAHABAD: कीमती सामनों को सुरक्षित रखने के लिए आमतौर पर लोग बैंक लॉकर को सेफ समझते हैं। यही कारण है कि घरों में कीमती जेवरात और अन्य वस्तुओं को रखने से बेहतर लोग उसे बैंक के लॉकर में रखना पसंद करते हैं। इसके लिए बैंक को सालाना फीस भी देते हैं। यूको बैंक के लॉकर में हुई भीषण चोरी की वारदात ने ग्राहकों का भरोसा तोड़ दिया है। यहीं कारण था कि गुरुवार को यूको बैंक में कई कस्टमर ऐसे पहुंचे जो लॉकर बंद कर सामान ले जाने की तैयारी में थे। गुरुवार को बैंक में काम काज रोज की तरह नहीं हो पाया, क्योंकि ज्यादातर लोग लॉकर को चेक करने ही पहुंच रहे थे। कई कस्टमर्स ऐसे भी रहे, जिन्होंने लॉकर को चेक किया और फिर उसे बंद करने के प्रॉसेस को लेकर पूछताछ की।

पिता ने खुलवाया था लॉकर

मुंडेरा के जीएस सिंह गुरुवार को बेटे के साथ बैंक पहुंचे। उन्होंने कर्मचारियों ने लॉकर को चेक करने की बात कही। उन्होंने दो लॉकर ले रखे हैं। दोनों को चेक किया और राहत की सांस ली। इसके बाद लॉकर बंद करने का प्रोसेस पूछने लगे। जीएस सिंह का कहना था कि जब बैंक हमारे सामान की सुरक्षा नहीं कर सकता तो हम बैंक के लॉकर में सामन क्यों रखें। उन्होंने बताया कि उनके पिता और माता जी ने बैंक के लॉकर को सुरक्षित मानकर घर का कीमती सामान यहां रखा है। लेकिन लॉकर कितने सुरक्षित हैं। यह इस घटना से सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि दोनों लाकर के लिए साल में क्रमश: 2500 और 1300 रुपए किराया देते हैं, इसके बाद भी सुरक्षित नहीं तो फिर क्या मतलब। इन्हीं की तरह कई अन्य कस्टमर्स भी लॉकर बंद कराने के लिए बैंक पहुंचे थे। सिविल लाइंस की बानी अग्रवाल भी लॉकर चेक करने पहुंची थी।

कितना कंपनसेशन देगा बैंक?

बैंक लॉकर में रखे सामान के लिए जिम्मेदार नहीं है। कुदरती आपदा जैसे बाढ़ या भूकंप और आतंकवादी हमले में अगर लॉकर में रखे सामान को नुकसान पहुंचता है या ये गुम हो जाते हैं तो बैंक कस्टमर को मुआवजा देने से मुकर सकता है। चोरी या दीमक लगने पर भी बैंक की यह दलील हो सकती है कि लॉकर में रखे सामान के बारे में उसे पता नहीं था। इसलिए वह कस्टमर को मुआवजा नहीं दे सकता। हालांकि अगर सिक्योरिटी या मेंटीनेंस में बैंक की ओर से चूक होती है तो इसके लिए उसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इस मामले में अदालत जाने पर आप बैंक से कुछ मुआवजा हासिल कर सकते हैं।