- खुद अपने प्रेशर को कंट्रोल करने में नाकाम है एटमॉसफेयर

- लगातार कई बार खुद के पूर्वानुमान में फंस चुका है मौसम विभाग

- पांच घंटे के अंदर बदलता रहता है सेंट्रल व लोकल लेवल का पूर्वानुमान

PATNA : मौसम विभाग इन दिनों जो भी पूर्वानुमान लगा रहा है, ठीक उसका उल्टा हो रहा है। यह बात भी पता चला है कि पूर्वानुमान को लेकर कोई खास डिटेल पटना मौसम विभाग के पास नहीं है। रडार और पुणे से मिलने वाले मौसम का आंकड़ा अलग-अलग आ रहा है। मौसम विभाग भी सिर्फ उन्हीं आंकड़ों को शिफ्ट करने के काम में जुटी रहती है। ऐसे में विभाग द्वारा न तो इन आंकड़ों पर रिसर्च किया जाता है और न ही कोई पूछताछ। भारतीय मौसम विभाग के लोकल आंकड़े पर पांच दिनों का जो मौसम डिटेल होता है। वो हर दिन के हिसाब से बदलता रहता है। इस संबंध में मौसम विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आर के गिरी ने बताया कि दो महीनों से लगातार मौसम में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। भूकंप के बाद से थोड़ा पूर्वानुमान पर असर पड़ा है।

आंधी-तूफान का पूर्वानुमान गलत

पिछले 20 दिनों में आंधी-तूफान को लेकर जो भी पूर्वानुमान लगाए गए थे वो सही नहीं निकला। वहीं दूसरी ओर गर्मियों को लेकर पटना मौसम विभाग जो भी आंकड़ा बता रहा है, वो भी गलत निकला। जबकि मौसम विभाग का मानना है कि वो चार घंटे पहले आसानी से मौसम का पूर्वानुमान लगा देते हैं, इसके बावजूद भी पूर्वानुमान सही नहीं लग रहा ।

The other side

फिर आंधी व तूफान का किया पूर्वानुमान

आंधी और तूफान को लेकर अब तक जितने बार भी पूर्वानुमान लगाए गए, उस एरिया में आंधी-तूफान न आकर दूसरे व तीसरे एरिया में आ जाता है। महीने दिन पहले आई आंधी तूफान को दरभंगा तक जानने के बाद मौसम विभाग के पास कोई जानकारी नहीं मिल पाई और जब तक वो समझ पाते तब तक दर्जनों एरिया आंधी व तूफान आ चुका था।

बताना आसान काम नहीं

वेदर डिपार्टमेंट कि बेवसाइट पर भी वेदर फॉर कास्ट का आंकड़ा सही नहीं रहता या फिर उसे अपडेट नहीं किया जाता। इस संबंध में मौसम विभाग के डायरेक्टर एके सेन ने बताया कि मौसम हर पल बदलता रहता है। ऐसे में यह कह पाना कि कल धूप होगी या नहीं, कल तूफान आएगा या नहीं यह बताना आसान नहीं। मौसम विभाग उन्हीं ग्राफ को पढ़ पाता है जो रडार से मिलता है।