फ्लैग::: मंदिरों में दूर से कर सकेंगे दर्शन, घर से बुजू करके जाएं मस्जिद

-78 दिनों बाद अनलॉक होंगे धर्मस्थल, लेकिन एंट्री में होगी नियमों की पाबंदी

-धर्मस्थल कमेटियों और ट्रस्ट से जुड़े जिम्मेदारों ने मीटिंग कर शुरू की तैयारी

बरेली:

शहर के सभी मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और गिरजाघरों के गेट 8 जून को श्रद्धालुओं के लिए ओपन हो जाएंगे। लेकिन कोरोना संक्रमण न फैले इसके लिए सभी जगहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के साथ श्रृद्धालुओं को अवेयर भी किया जाएगा। क्योंकि अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा टला नहीं है.इसीलिए धर्मस्थलों की कमेटियों ने सरकार के बनाए नियमों को फॉलो कराने के लिए निर्णय लिया है, जो नियम फॉलो करेगा, उसी को मंदिर कैंपस में एंट्री दी जाएगी। मंदिरों में घंटा बजाने, प्रसाद चढ़ाने के साथ फूल चढ़ाने पर भी रोक रहेगी। वहीं मस्जिदों में वुजूखाने बंद रखने के साथ के साथ घर से वुजू करके आने वालों को ही एंट्री देने की बात कर रहे हैं। हालांकि पाबंदी के साथ ही सही लेकिन धर्मस्थल ओपन होने का बरेलियंस को बेसब्री से इंतजार है।

मंगाई सेनेटाइज मशीन

शहर के धार्मिक स्थलों को जब ओपन किया जाएगा तो वहां पर सभी तरह के व्यक्ति आएंगे। ऐसे में कैंपस को डेली सेनेटाइज करना होगा। इसके लिए मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा कमेटियों ने अपनी पर्सनल सेनेटाइज मशीनों को भी मंगवाया है। हालांकि इसके लिए धर्मस्थलों ने पहले से ही मीटिंग कर तैयारी कर ली है।

गुरुद्वारा में साथ लाएं रूमाल

धर्मस्थलों से जुड़े सेवादार और कमेटी मेंबर्स कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए एहतियात बरतने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं। गुरुद्वारा में आने वाली संगत को अभी तक सिर पर बांधने के लिए रूमाल दिया जाता था। लेकिन कमेटी ने इस बार 8 जून से ओपन हो रहे गुरुद्वारा में सिर पर बांधने के लिए रूमाल नहीं देने का निर्णय लिया है। अगर कोई अपना गमछा या रूमाल लेकर नहीं जाएगा और मास्क नहीं लगाएगा उसे गुरुद्वारे में एंट्री नहीं दी जाएगी।

प्रसाद और फूल चढ़ाने की अनुमति नहीं

मंदिरों में जो भी श्रद्धालु आएगा वह प्रसाद फूल तक नहंी चढ़ा सकेगा। मंदिर से जुड़े पुजारी और कमेटी के लोगों का कहना है कि संक्रमण न फैले इसके लिए पूरी तैयारी है। मंदिरों में बगैर मास्क और हैंड सेनेटाइज बगैर किए एंट्री नहीं होगी। इसके साथ मंदिरों में श्रद्धालु सिर्फ भगवान के सामने दूर से हाथ ही जोड़कर प्रार्थना कर सकेंगे। मंदिरों में घंटा को कपड़ा से ढक दिया गया है ताकि कोई श्रद्धालु घंटा को टच न कर सके।

थर्मल स्क्रीनिंग के बाद एंट्री

शहर के कई मंदिरों में हैंड सेनेटाइजर के साथ थर्मल स्क्रीनिंग की भी व्यवस्था की गई है। गेट पर ही एक गार्ड लगाने की बात चल रही है। ताकि जो भी श्रद्धालु मंदिर में एंट्री करे वह हैंड सेनेटाइज करने के साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही आ सके।

धर्मस्थल के जिम्मेदार की बात

मंदिर 8 जून को ओपन करने से पहले क्या तैयारियां होनी है। इसके लिए ट्रस्ट मेंबर्स की मीटिंग हो चुकी है। मंदिर को सेनेटाइज किया जाएगा, श्रद्धालु मंदिर में प्रसाद फूल कुछ नहीं चढ़ाएंगे, दूर से ही हाथ जोड़ सकेंगे।

पं। सचिन शर्मा, पुजारी आनंद आश्रम

मंदिर 8 जून को ओपन हो रहे हैं, यह बहुत खुशी की बात है। लेकिन इसके लिए मंदिर की तरफ से भी पूरी तैयारी की गई है। मंदिर में हाथ धोने के बाद ही एंट्री दी जाएगी। प्रसाद और फूल चढ़ाने पर भी पाबंदी रहेगी।

पं। घनश्याम शर्मा, पुजारी धोपेश्वर नाथ मंदिर

गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा सुभाष नगर में आने वाली साध संगत के लिए सेवादार की ड्यूटी लगायी जाएगी। साध संगत को सेनेटाइज कराएंगे और दरबार साहिब में माथा टेकने के लिए एक एक करके सबको दरबार साहिब मे दर्शन करवाएंगे। संगत को इकट्ठा नहीं होने दिया जाएगा।

सुरिंद्रजीत सिंह छाबरा, अध्यक्ष, गुरुद्वारा कमेटी, सुभाषनगर

गुरुद्वारा 8 जून को ओपन हो रहा है। इसके लिए कमेटी की 7 जून को मीटिंग होगी। जिसमें सरकारी गाइड लाइन के अनुरूप गुरुद्वारा ओपन करने के लिए विचार होगा। गुरुद्वारे में मत्था टेकने के बाद सीधे वापस जाएंगे, संगत परिक्रमा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

जगविन्दर सिंह, सेवादार, राजेन्द्र नगर गुरुद्वारा

इस वक्त अनलॉक वन चल रहा है। हम सभी को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि खतर अभी टला नहीं है। ऐसे में मस्जिद जाएं तो वुजू घर से ही करके जाएं दूसरों का तौलिया यूज न करें।

समरान खान, मीडिया प्रभारी, जमात रजा-ए मुस्तफा दरगाह अला हजरत