- भ्रष्टाचार की किताब कथा : जदयू के पूर्व महासचिव की फर्म को 8 साल तक मिलता रहा टेंडर

- बिहार का किताब घोटाला : एक ही फर्म को 8 साल तक मिलता रहा टेंडर

- सरकार का करम : एक ही फर्म को 8 साल तक मिलता रहा टेंडर

PATNA: बिहार सरकार किस तरह अपने मातहतों को उपकृत करती है, इसका खुलासा किताब पैकेजिंग टेंडर में हुआ है। सरकार ने अपने ही पार्टी के पूर्व महासचिव की फर्म को 8 साल तक किताब पैकेजिंग का टेंडर दिया। यही नहीं, हद तो तब हो गई जब एक साल बिना टेंडर बुलाए ही फर्म को काम दे दिया गया और क्ब् करोड़ म्फ् लाख 97 हजार रुपए का भुगतान भी कर दिया गया। ये मामला तब उजागर हुआ जब सूचना के अधिकार से दस्तावेज निकाले गए। दस्तावेज में बिहार स्टेट टेक्स्ट बुक पब्लिशिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के कई और काले कारनामे उजागर हुए हैं। आई नेक्स्ट के पास सूचना के अधिकार से निकाले गए सभी दस्तावेज हैं, जिसमें यह साफ जाहिर हो रहा है कि किस तरह एक फर्म को सरकार की विशेष कृपा मिली।

हर साल घटता-बढ़ता रहा पैसा

बिहार स्टेट टेक्स्ट बुक पब्लिशिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड बुक पैकेजिंग के लिए हर साल टेंडर निकालती है। जो फर्म सबसे कम कीमत में काम करने को तैयार होती है उसे टेंडर दे दिया जाता है। बुक पैकेजिंग के तहत कंपनी का काम होता है कि प्रिंट की हुई पुस्तकों का सेट तैयार करना और उसे बताए गए स्थान तक पहुंचाना होता है। दस्तावेजों को जब पलटा गया तो उसमें यह निकला कि हर साल बुक पैकेजिंग के नाम पर अलग-अलग राशि का भुगतान हुआ है। सबसे अधिक भुगतान उस साल किया गया जब बिना टेंडर के इस फर्म को काम दिया गया।

ख्008-09 से शुरू हुआ खेल

यह खेल ख्008-09 से शुरू हुआ। जब बुक पैकेजिंग के टेंडर के लिए चार फर्म ने दावेदारी की। मेसर्स बी के ऑफसेट, मेसर्स हिमालय रोडवेज, मेसर्स पूजा प्रिंटेक प्रा। लि और मेसर्स एच एल प्रिन्टर्स। सबसे लो रेट होने के कारण पूजा प्रिंटेक प्रा लिमिटेड को काम दे दिया गया। उन्हें इस सत्र के लिए फ् करोड़ 8ब् लाख भ्7 हजार 7 सौ क्0 रुपए का भुगतान हुआ। यहां से शुरू हुआ पूजा प्रिन्टेक प्राइवेट लिमिटेड का काम। आज भी बिहार स्टेट टेक्स्ट बुक पब्लिशिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड में चल रहा है। हर साल इन्हीं को बुक पैकेंजिंग का टेंडर मिलता है।

क्क् फर्म, फिर भी पूजा को ही काम

सत्र ख्009-क्0 में बुक पैकेजिंग टेंडर के लिए क्क् फर्म ने टेंडर भरे। मेसर्स पूजा प्रिंटेक प्रा लि, मेसर्स समर ऑफसेट, मेसर्स सम्राट ऑफसेट,मेसर्स प्रकृति इंटरप्राइजेज, मां दुर्गा इंटरप्राइजेज, न्यूज दिलीप कंपनी, मेसर्स अग्रवाल इंटरप्राइजेज, मेसर्स पटना ऑफसेट, मेसर्स हिमालय रोडवेज, मेसर्स शुभ लक्ष्मी प्रेस और विकास कुमार इन्फो सॉफ्ट डाटा सर्विस प्रा लि। इस साल दो फर्म को काम मिला पूजा प्रिन्टेक प्रा लिमिटेड और मां दुर्गा इंटरप्राइजेज। पूजा प्रिन्टेक को फ् करोड़ 78 लाख, 8 हजार फ्भ्क् और मां दुर्गा इंटरप्राइजेज को एक करोड़ ब्भ् लाख ख्0 हजार रुपए का भुगतान हुआ।

फिर हुआ क् करोड़ 8ख् लाख का भुगतान

सत्र ख्0क्0-क्क् में चार फर्म ने टेंडर डाला। पटना के मेसर्स पूजा प्रिन्टेक प्रा लि, दिल्ली के मेसर्स कैपिटल बिजनेस सिस्टम, बनारस के मेसर्स भार्गव भूषण प्रेस और रांची के नेशनल प्रिंटर्स। इस बार फिर पूजा प्रिन्टेक को ही टेंडर दिया गया। इस सत्र के लिए क् करोड़, 8ख् लाख, फ्0 हजार क् सौ क्म् रुपए का भुगतान किया गया।

बिना टेंडर के दे दिया काम

सत्र ख्0क्क्-क्ख् में बिना टेंडर के ही पूजा प्रिन्टेक को काम दे दिया गया। इस सत्र में सबसे अधिक राशि क्ब् करोड़ म्फ् लाख 97 हजार 8 सौ 8क् रुपए का भुगतान किया गया।

म् में भी चहेती फर्म को मिला काम

सत्र ख्0क्ख्-क्फ् में म् फर्म ने टेंडर डाला। मेसर्स पूजा प्रिन्टेक प्रा लि, मेसर्स नेशनल प्रिन्टर्स रांची, मेसर्स कैपिटल विजनेस सिस्टम, प्रत्यूष टेलिविजन, मेसर्स पटना ऑफसेट, मेसर्स हिमालय रोडवेज। समें भी पूजा प्रिन्टेक को लो रेट का मानकर काम दे दिया गया और क्क् करोड़, 7फ् लाख, 8म् हजार, 8 सौ 8ख् रुपए सर्विस टैक्स सहित भुगतान भी कर दिया गया।

क्ख् करोड़ का भुगतान

सत्र ख्0क्फ्-क्ब् में भ् फर्म ने टेंडर डाले। मेसर्स नेशनल प्रिन्टर्स, ग्लैकसी प्रेस प्रा लि,मेसर्स पूजा प्रिन्टेक प्रा लि, मेसर्स कैपिटल बिजनेस सिस्टम और श्री गणपति इंटरप्राइजेज। इस सत्र में भी पूजा प्रिन्टेक को ही काम मिला। इस साल तो क्ख् करोड़, म् लाख, फ्0 हजार, 8 सौ ख्भ् रुपए का भुगतान किया गया।

बढ़ती गई भुगतान राशि

सत्र ख्0क्ब्-क्भ् में ब् फर्म ने टेंडर किए। मेसर्स नेशनल प्रिंटर्स रांची, मेसर्स पारस पब्लिकेशन, मेसर्स पूजा प्रिन्टेक प्रा लि और स्वपना प्रिंटिंग व‌र्क्स। इस सत्र में भी पूजा प्रिन्टेक को टेंडर देते हुए क्फ् करोड़, 9क् लाख, भ्भ् हजार भ्8 रुपए का भुगतान किया जा चुका है।

चुनावी सत्र में दिया थोड़ा कम काम

सत्र ख्0क्भ्-क्म् में इस टेंडर को बांट-बांट कर दिया गया। इस साल के लिए क्ब् टेंडर आए। इसमें से मेसर्स पटना ऑफसेट प्रेस, मेसर्स पूजा प्रिंटेक प्रा लि और मेसर्स नव बिहार मीडिया लिमिटेड को काम दिया गया। अभी तक मेसर्स पटना ऑफसेट प्रेस को क् करोड़ 90 लाख क्7 हजार म् सौ फ्ब्, मेसर्स पूजा प्रिंटेक प्रा लि पटना को क् करोड़ क्0 लाख म्7 हजार ख् सौ 78 रुपए और मेसर्स नव बिहार मीडिया लिमिटेड, पटना को भ्7 लाख म्7 हजार 9 सौ ख्म् रुपए का भुगतान किया जा चुका है।

यह टेंडर इंडिया लेवल पर होता है। पिछले दो साल से फ्-फ् लोगों को ये टेंडर मिले। जो कंपीट करते हैं उन्हें टेंडर मिलता है। पैकेजिंग से ट्रांसपोर्टिग तक का इंतजाम करना पड़ता है। पहले ये अलग-अलग होता था। अब एक को ही करना पड़ता है। यह कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ होता है। हर बच्चे के च्लए किताबों का सेट बनाना पड़ता है। दो रसीद होते हैं। एक स्कूल में रिसीव कर रखा जाता है, तो दूसरा बच्चा अपनेच्घर ले जाता है।

-लोक प्रकाश ऊर्फ पंपू सिंह, मेसर्स, पूजा प्रिंटेक प्रा लि, पटना