- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के कैम्पेन 'नायसिल प्रजेंट्स गर्मी लगी क्या' में शहरवासियों ने रखे विचार

- शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार है जरूरी

इंट्रो- शहर में ट्रैफिक व्यवस्था की स्थिति से आम शहरवासी परेशान हैं। हालत यह है कि शहर की यातायात व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए तमाम दावे किए जाते हैं। बावजूद इसके, ट्रैफिक की टेंशन ही शहर की सबसे बड़ी समस्या है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट कैम्पेन 'नायसिल प्रजेंट्स गर्मी लगी क्या' लिसाड़ी कॉलोनी और जागृति विहार में आयोजित किया गया। इस दौरान शहरवासियों ने ट्रैफिक की समस्या को लेकर अपने विचार और सुझाव रखे।

Meerut: शहर में हर साल वाहनों की संख्या बढ़ रही है। इसी अनुपात में सड़क हादसे भी बढ़ रहे हैं। यही नहीं, हालत यह है कि स्ट्रीट लाइट के सिग्नल तोड़ने में लोग खुद को स्मार्ट समझते है। वहीं, बेतरतीब तरीके से चलते वाहन यातायात के लिए मुश्किलों का सबब बने हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के कैम्पेन 'नायसिल प्रजेंट्स गर्मी लगी क्या' में शहरवासियों ने अपनी राय रखी। लिसाड़ी कॉलोनी निवासी अमरीश चपराना ने बताया कि रात में वाहन को मोड़ने से पहले इंडीकेटर का इस्तेमाल करना चाहिए। जबकि शहर में दोपहिया वाहन चालक मोड़ पर जाकर हाथ देते हैं, जिससे पीछे वाला नहीं भांप पाता कि गाड़ी मुड़ने वाली है, इसी गलती के कारण हादसा हो जाता है।

पार्किंग लाइट का करें इस्तेमाल

वहीं, विनोद ने कहा कि हाईवे पर गाड़ी रोकने के बाद पार्किंग लाइट का इस्तेमाल करना चाहिए। ताकि पीछे से आने वाले लोगों को यह पता रहे कि गाड़ी खड़ी है। जितना हो सके हाईवे से नीचे उतारकर गाड़ी को खड़ा किया जाना चाहिए। लेकिन शहर में जहां चाहो वहां आपको बीच रोड पर गाड़ी खड़ी मिल जाएगी। जिसके चलते आए दिन हादसों की खबर आती रहती है।

लगातार हार्न बजाना भी घातक

जागृति विहार निवासी दिनेश ने कहा कि हार्न का लगातार इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। जाम में फंसे लोगों को लगता है कि हार्न के अधिक इस्तेमाल से जाम खुल जाएगा। जबकि इससे ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है। हार्न सीमित उपयोग के लिए बना है। अधिक उपयोग से आगे वाहन चालक दबाव में आता है।

अवैध कट से भी मुश्किलें

शहर में अवैध कट भी मुश्किलों का सबब बने हुए हैं .इस बाबत रवीश ने कि महानगर में अकेले दिल्ली रोड लगभग एक दर्जन से अधिक अवैध कट हैं, जिन्हें लोगों ने अपनी सुविधा के अनुसार खोल रखा है। इन स्थानों पर अक्सर हादसे होते हैं। यातायात पुलिस ने इन्हें ब्लैक स्पाट तक घोषित कर दिया है। इसके बावजूद इन स्थानों पर न तो संकेतक लगाए गए और न हीं स्पीड ब्रेकर बनाए गए।

हादसों की मुख्य वजह

शराब पीकर गाड़ी चलाना। तेज स्पीड से गाड़ी चलाना। गलत दिशा से ओवरटेक करना। बिना पार्किंग लाइट जलाए वाहन रात में खड़ा करना। वन-वे पर बिना डिपर दिए ओवरटेक करना। हेलमेट न पहनना।

ये दिए गए सुझाव

-शहर में 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार होनी चाहिए।

-अस्पताल, स्कूल, व्यस्त बाजार में 20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार रखनी चाहिए।

-गाड़ी स्थाई पार्किंग में खड़ी करनी चाहिए।

-अस्थाई पार्किंग अक्सर रोड को घेरकर बनाई जाती है।

-अवैध पार्किंग की वजह से तेज रफ्तार गाडि़यां भिड़ती हैं।

- सड़क पर बनी अवैध पार्किंग में वाहन नहीं खड़े करने चाहिए।

-जल्दी पहुंचने की चाह में गाड़ी को बाई तरफ से ओवरटेक कर देते हैं। इससे भी हादसे होते हैं।

- ओवरटेक से पहले जांच ले कि सामने से कोई गाड़ी तो नहीं रही है।

-वाहन चलाते समय दूसरों के साथ रेस न लगाएं।

वर्जन

शहर में 90 फीसदी वाहन चालक टै्रफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं। इससे आए दिन हादसे होते रहते हैं। यदि खुद जागरूक होकर वाहन चलाएं। तो स्थिति सुधर सकती हैं।

संजय सुमेरा

जहां चाहो बीच सड़क पर ही लोग गाड़ी पार्क कर देते हैं, साथ ही व्यापारियों ने अतिक्रमण कर रखा है। जो जाम का मुख्य कारण है। यदि पुलिस ठीक से कार्रवाई करे, या दुकानदार खुद स्थिति को भांपकर सामान रखें तो जाम की समस्या खत्म हो जाएगी।

सोमप्रकाश सबरवाल

दिल्ली रोड पर जहां देखो, वहां अवैध कट खुले हैं। जिनकी वजह से जाम तो लगता ही है। कई बार हादसे भी होते हैं। इसलिए ज्यादा टै्रफिक वाले रूट पर कम से कट होना जरूरी है।

पप्पू टोंक

शहर में ट्रैफिक नियम का पालन कोई नहीं करता है। हर कोई अपने हिसाब से नियम बना लेता है। यदि किसी का एक्सीडेंट हो जाए तो सेफ्टी के लिए प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं है।

सतपाल

शहर में जाम का मुख्य कारण ट्रैफिक नियमों की अनदेखी है। आमतौर पर शहरवासी सिग्नल का अनुसरण ही नहीं करते हैं। किसी भी चौराहे पर लालबत्ती ही नहीं जलती है। यदि कहीं पर जलती है तो वहां पर लालबत्ती पर लोग चलते हैं

यशवीर

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अधिकारी वर्जन

यातायात नियम तोड़ने वालों के खिलाफ समय-समय पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है। आगे भी नियम तोड़ने के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

किरन यादव, एसपी ट्रैफिक