- 70 परसेंट पुलिस वाले नहीं करना चाहते थाना-चौकी में काम

- टेंशन फ्री काम में ही है रुचि, चैलेंजिंग टास्क नहीं पसंद

- इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोमेट्रिक काउंसलिंग द्वारा किए गए सर्वे में खुलासा

देहरादून।

थाने-चौकी में वर्कलोड के चलते पुलिसकर्मी टेंशन में हैं। यही वजह है कि 70 परसेंट पुलिस वाले हेडक्वार्टर जैसी जगहों पर आरामदायक पोस्टिंग चाहते हैं। पुलिस की नौकरी में सिर्फ 12 परसेंट ही ऐसे पुलिस वाले हैं जो कि चैलेंजिंग जगहों पर काम करने के इच्छुक हैं। ये खुलासा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोमेट्रिक काउंसलिंग की ओर से किए गए सर्वे में हुआ।

ऐसे किया गया सर्वे

संस्था की ओर से 700 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों से बात की गई। जिसमें कि 300 फिमेलऔर 400 मेल पुलिसकर्मी थे। दून के विकासनगर, ऋषिकेश, हरिद्वार, मसूरी सहित एसएसपी ऑफिस, विजिलेंस, सीबीसीआईडी, एसआई, सीओ ऑफिस, चौकी, कॉन्स्टेबल के साथ वार्ता कर रिपोर्ट तैयार की गई है।

ये रहा रिजल्ट

70 परसेंट- रिस्पांसिबल एरिया में काम नहीं करना चाहते जैसे थाना-चौकी में।

12 परसेंट- में ही चैलेंजिग वर्क के लिए रिक्वेस्ट करते हैं।

9 परसेंट- सिर्फ चार्म के लिए नौकरी काम कर रहे हैं।

6 परसेंट- डर से कुछ भी शेयर नहीं करना चाहते।

3 परसेंट- प्रेशर फील कर रहे हैं बहाना बनाकर लंबी लीव पर हैं।

समस्या हो तो सुनवाई का मौका

पुलिस ऑफिसर भी मानते हैं कि इस फील्ड में प्रेशर है। यही वजह है कि डीजीपी ने सप्ताह में एक दिन निर्धारित किया है। इस दिन कोई भी पुलिस कर्मी जाकर डीजीपी के सामने अपनी समस्या रख सकता है। इस बारे में बाकायदा संबंधित अधिकारी भी बातचीत के लिए कहते हैं।

साइकोलॉजिस्ट की राय

इस संबंध में साइकोलॉजिस्टस की राय है कि पुलिस अधिकारियों को अपने कर्मचारियों से फ्रेंडली बिहेव करना चाहिए। समय-समय पर उनके घर-परिवार का हाल भी लेना चाहिए। साथ ही कोई तनाव में लगे तो उसके लिए आवश्यक थैरेपी भी करवाई जाए। थानेवार ये प्रोग्राम चलाए जा सकते हैं। पुलिसकर्मियों को खुद भी स्ट्रेस फ्री रहने लिए थैरेपी आदि सिखाई जा सकती है।

टेंशन फ्री थाने के लिए आवेदन

जिले में कुछ थाने-चौकी ऐसे भी हैं जहां कोई टेंशन ही नहीं है। इनमें से कुछ शहर में ही हैं तो कुछ शहर से बाहर हैं। ऐसी जगहों के लिए भी पुलिस अधिकारियों के पास खूब आवेदन आते हैं। इनमें क्लेमेंट टाउन, रानी पोखरी, रायवाला, चकराता, त्यूनी जैसे थाने आते हैं। माना जाता है कि इन जगहों पर टेंशन फ्री वर्क है।

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पुलिसकर्मियों में थाने चौकी में पोस्टिंग के प्रति रूझान कम होने की बात एसपी सिटी ने कही और कारण पता करने पर चर्चा हुई। इसके बाद 700 पुलिसकर्मियों के बीच ये सर्वे किया गया। जिसमें चौंकाने वाली बातें सामने आईं। इस संबंध में जल्द ही पुलिस वालों के साथ मीटिंग कर स्ट्रेस फ्री रहने के तरीके सिखाए जाएंगे।

- डॉ। मुकुल शर्मा, प्रेजीडेंट, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोमेट्रिक काउंसलिंग

पुलिसकर्मी नौकरी को टेंशन मानने लगे हैं। ऐसे में साइकोलॉजिस्ट से कंसल्ट किया गया था कि यहां पुलिसकर्मियों को टेंशन फ्री रखने के लिए ट्रेनिंग सेशन करवाए जाएं। योग को लेकर भी बात की गई है। ताकि, पुलिसकर्मियों का तनाव कम हो।

- श्वेता चौबे, एसपी, सिटी