खरखौदा प्रकरण

- पुलिस बल की उपस्थित व मीडिया कर्मियों का आवागमन तोड़ रहा सन्नाटा

खरखौदा : सामूहिक दुष्कर्म व धर्म परिर्वतन को लेकर दो माह पूर्व युवती के घर व गांव में संवेदना व सहानुभूति देने वालों का जैसे तांता लगा था। गत दिवस से ऐसा नहीं दिखाई देता। सोमवार को मोहल्ले में सन्नाटा पसरा हुआ था और बात करने को भी कोई राजी नहीं था। वहीं, पुलिस बल की उपस्थिति व मीडिया कर्मियों का आवागमन ही सन्नाटा तोड़ रहा था।

तीन अगस्त को सामूहिक दुष्कर्म व धर्मपरिवर्तन के खुलासे से मानों समाज समेत क्षेत्र में विरोध व आंदोलन खड़ा हो गया था। वहीं, युवती के घर पर समाज के मठाधीशों और राजनीतिक लोगों का कई दिन जहां सांत्वना व सहानुभूति देने वालों का तांता लगा रहा था। जबकि गत दिवस जैसे ही युवती द्वारा घर से भागकर आरोपी कलीम के घर पहुंचना और कोर्ट में परिजनों व समाज के लोगों पर आरोप लगाए मानों गांव व समाज के लोग नाराज हो गये। उसके पिता के व्यवहार से खफा लोगों ने दूरी बना ली। गली में भी सन्नाटा पसर गया। मीडिया कर्मियों से बात करने कोई तैयार नहीं था बल्कि दूर भागते और कुछ कहने से साफ मना करते। वहीं, युवती के परिजनों का मेरठ होने की सूचना पर मीडिया कर्मी बैरंग लौट जाते यह क्रम देररात चलता रहा। वहीं, पुलिस कर्मियों की उपस्थिति ही मोहल्ले में होने की बात ब्यां कर रही थी। देर शाम एसओ मनोज कुमार भी पहुंचे और लोगों से बात करते हुए पुलिसकर्मियों की ड्यूटी चेंज कर वह भी आ गए।