RANCHI: टेरर फंडिंग के लिए रांची के जाने माने व्यवसायी और कोल ट्रांसपोर्टर राहुल कार्बन कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने करीब ढाई करोड़ रुपये कैश भुगतान किया है, जिसका इस्तेमाल टेरर फंडिंग के लिए किया गया है। ट्रांसपोर्ट कंपनी का दावा है कि उन्होंने आधुनिक पावर एंड नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड कंपनी को ढाई करोड़ रुपये का नगद भुगतान किया है। यह ढाई करोड़ रुपये अलग-अलग समय पर किस्तों में दिए गए हैं। राहुल कार्बन कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक ने एनआईए के समक्ष यह खुलासा करते हुए अपनी कंपनी का कैश लेजर बतौर सबूत पेश किया है, जिसे एनआईए ने अपनी चार्जशीट के साथ कोर्ट में समर्पित कर दिया है। ट्रांसपोर्ट कंपनी को आधुनिक पावर के जमशेदपुर स्थित कंदरा प्लांट से रांची समेत कई कोयला खदानों तक कोयला ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी दी गयी थी।

करोड़ों का भुगतान था लंबित

एनआईए को दिए अपने बयान में ट्रांसपोर्ट कंपनी ने कहा है कि उनका आधुनिक पावर कंपनी के साथ कई वर्षो से काम चल रहा था। ऐसे में उनका काफी भुगतान कंपनी पर लंबित था, जो कंपनी नहीं दे रही थी। ट्रांसपोर्ट कंपनी की हालत काफी खस्ता हो चली थी। ऐसे में उन्हें जमशेदपुर प्लांट तक कोयला पहुंचाने की जिम्मेदारी मिली। फंसे रुपये निकालने के लिए राहुल कार्बन कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड ने यह काम उठा लिया।

दावे से अलग है दस्तावेज

राहुल कार्बन कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड ने एनआईए को दिए बयान में कहा है कि उन्होंने केवल 1.25 लाख एमटी कोयले का उठाव आम्रपाली से किया है, जबकि दस्तावेजों के अनुसार इस कंपनी ने आम्रपाली, मगध और अशोका पिपरवार से करीब 4.73 लाख एमटी कोयले का उठाव किया है।

कोयला उठाव से लेकर प्लांट तक पहुंचाने का खर्च ट्रांसपोर्टर का

विदित हो कि ट्रांसपोर्टर कंपनी को विभिन्न कोल माइंस के कोयला उठाकर उसे जमशेदपुर कंदरा प्लांट तक पहुंचाने के लिए होने वाले सारे खर्च का वहन खुद करना पड़ता है। जब प्लांट में कोयला गिर जाता है तब उसकी प्राप्ती रशीद आधुनिक पावर के कोलकाता स्थिति हेड ऑफिस भेजी जाती है। इसके बाद ट्रांसपोर्टर को भुगतान किया जाता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि ट्रांसपोर्टर ने पावर कंपनी से पेमेंट लेने के स्थान पर कैश का भुगतान क्यों किया।

आधुनिक पावर ने किया इनकार

मामले की छानबीन के दौरान एनआईए ने आधुनिक पावर कंपनी से इस संबंध में पूछताछ की तो उन्होंने ऐसे किसी भी भुगतान की प्राप्ति से इंकार कर दिया। आधुनिक पावर कंपनी ने एनआईए को जो बही खाते उपलब्ध कराए हैं, उनमें इन ढाई करोड़ रुपयों के लेनदारी का कोई जिक्र नहीं है।

बयान पर हो गयी जीएम की गिरफ्तारी

राहुल कार्बन एंड कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक ने कोर्ट में एनआईए के समक्ष कैश भुगतान की बात कबुली, जिसके बाद आधुनिक पावर कंपनी के जीएम संजय जैन की गिरफ्तारी की गयी। नक्लसलियों -उग्रवादियों के लिए लेवी के रूप में किए गए इस कैश भुगतान पर कई साव खड़े होने लगे हैं।

मैं इस केस को देख रहा हुं। कंपनी के निदेशक ने कोर्ट में लेजर प्रस्तुत किया है, जिसमें साफ लिखा है कि उन्होंने नगद ढाई करोड़ रुपये आधुनिक पावर को दिए हैं। इधर, आधुनिक पावर के लेजर में ऐसे किसी भी लेनदेन का कोई जिक्र ही नहीं है। कैश ट्रांजेक्शन का यह मामला संदिग्ध है।

प्रवीण कुमार गुप्ता, अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट