स्वास्थ्य विभाग इसे स्वाइन नहीं मान रहा है। हर कोई कंफ्यूजन में हैं। कुछ स्वाइन फ्लू के खौफ को दवा कंपनियों का हथकंडा मान रहे हैं। डॉक्टर्स भी दो राय लेकर चल रहे हैं।

वाकई स्वाइन फ्लू

सरकारी चुप्पी के बाद सवाल खड़ा हो गया है कि क्या सिटी में मरने वाले वाकई स्वाइन फ्लू से पीडि़त थे? दरअसल ये बीमारी बेमौसम आई है। दूसरे प्राइवेट लैब्स की रिपोट्र्स पर आसानी से यकीन नहीं होता। हेल्थ डिपार्टमेंट की मानें तो स्वाइन फ्लू से मरने वालों में से एक को अस्थमा था तो एक अन्य पेशेंट कैंसर से पीडि़त था। कई डॉक्टर्स का भी कहना है कि रोजाना दर्जनों पशेंट्स नॉर्मल वायरल होने के बावजूद स्वाइन फ्लू का ट्रीटमेंट करने पर जोर दे रहे हैं। इसके पीछे पेशेंट का डर ज्यादा है।

एनसीडीसी से पुष्टि नहीं

शहर में पिछले 15 दिनों में150 से अधिक लोग स्वाइन फ्लू की जांच करा चुके हैं। सभी टेस्ट प्राइवेट लैब्स में हुए हैं। ये ही स्वाइन फ्लू की पुष्टि कर रहे हैं। जबकि सेंट्रल गवर्नमेंट के साफ निर्देश हैं कि स्वाइन फ्लू की आशंका में सेंपल जांच के लिए दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल को ही भेजा जाएगा। वहां से पुष्टि होने पर ही स्वाइन फ्लू माना जाएगा।

4 गुना बढ़ी डिमांड

दो सप्ताह से स्वाइन फ्लू की दहशत फैलने के बाद वैक्सीन की मांग चार गुना बढ़ गई है। कैमिस्ट्स की मानें तो सिटी एरिया में 15 दिन पहले एक दिन में स्वाइन फ्लू की 10 वैक्सीन सेल हो रही थी, अब 35 से 40 वैक्सीन सेल हो रही है। वैक्सीग्रिप नाम की वैक्सीन मार्केट में शॉर्ट हो गई है। सबसे ज्यादा एबट कंपनी की इंफ्लूवैक वैक्सीन बिक रही है, जिसकी एमआरपी 650 रुपए है और सेल 450 रुपए की है। इंफ्लूजैन वैक्सीन और सुडल एक्स टैबलेट भी मार्केट में मौजूद है। पिछले एक माह में स्वाइन फ्लू के नाम पर लाखों रुपए का कारोबार हो चुका है।

ये बात तो नहीं

कुछ डॉक्टर्स मानते है कि इंटरनेशनल मार्केट से खरीदी गई करोड़ों-अरबो रुपए की वैक्सीन बेचने के लिए स्वाइन फ्लू की दहशत फैलाई जा रही है। 2009 में भी इसी तरह की दहशत फैलाई गई थी। प्राइवेट डॉक्टर्स लगातार स्वाइन फ्लू का दावा कर रहे हैं। स्वाइन फ्लू के नाम पर एक पेशेंट से 500 रुपए तक लिए जा रहे हैं। डॉक्टर्स के अनुसार इसके इलाज में देरी नहीं होनी चाहिए। 48 घंटे के अंदर इलाज शुरू हो जाए तो 7 से 10 दिन में पूरी तरह से ठीक हो सकता है।

"मेडिकल कॉलेज में स्वाइन फ्लू के इलाज का पूरा इंतजाम है। स्वास्थ विभाग ने स्वाइन फ्लू की पुष्टि नहीं की है। जहां तक वैक्सीन की सेल का सवाल है तो आजकल मार्केटिंग के दौर में कुछ भी हो सकता है."

- डॉ। विनय अग्रवाल, प्रिंसीपल, मेडिकल कॉलेज

"एनसीडीसी से स्वाइन फ्लू की कोई पुष्टि नहीं हुई है। ये सभी रिपोर्ट प्राइवेट लैब्स से है। डेथ के तीन केसों में से एक को अस्थमा और एक को कैंसर था। स्वाइन फ्लू का खौफ वैक्सीन को प्रमोट करने के लिए फैलाया जा रहा है। सरकारी अस्पताल में पुष्टि के बाद ही पब्लिक को स्वाइन फ्लू मानना चाहिए."

- डॉ। अमीर सिंह, सीएमओ

"स्वाइन बहुत ही रेयर है। इसका डर कुछ ज्यादा ही फैलाया जा रहा है। दहशत के पीछे मार्केट लॉबी सक्रिय हो सकती है। स्वाइन फ्लू को लेकर अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है."

- डॉ। रजनीश भारद्वाज, होम्योपैथ

"जो टेस्ट सामने आ रहे हैं उसमें तो स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो रही है। अब एनसीडीसी में सैंपल भेजना स्वास्थ विभाग का काम है."

- डॉ। विरोत्तम तोमर