सीसीटीवी कैमरे किए क्षतिग्रस्त, प्रशासन हलकान

दो लंगूरों की तैनाती की गई, 5 कर्मचारी हैं निगरानी में

Meerut. परतापुर स्थित मतगणना केंद्र पर एक बार फिर बंदरों के आंतक से जिला प्रशासन सकते में है. ईवीएम और वीपी पैट की सुरक्षा को लेकर एक ओर जहां आयोग के सख्त निर्देश हैं वहीं दूसरी ओर बंदरों ने परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे उखाड़ दिए हैं. मजबूरन एक बार फिर लंगूरों को मतगणना केंद्र पर तैनात किया गया है.

दो लंगूर किए तैनात

हर चुनाव की तरह इस बार भी कताई मिल परिसर में ईवीएम और वीवी पैट की बंदरों से सुरक्षा जिला प्रशासन के लिए चुनौती बन रही है. बंदरों की सेंधमारी स्ट्रांग रूम तक है तो वहीं वे निगरानी के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरों को तोड़ दे रहे हैं. बंदरों से उत्पात से आजिज होकर एक बार फिर जिला प्रशासन ने परिसर में लंगूरों की तैनाती का फैसला लिया है. एडीएम प्रशासन एवं उप निर्वाचन अधिकारी रामचंद्र के निर्देश पर 2 लंगूरों को परिसर में तैनात किया गया है तो वहीं बंदरों से निगरानी के लिए 5 कर्मचारी मुस्तैद हैं. दोनों लंगूर और कर्मचारी कताई मिल परिसर में बंदरों के उत्पात को रोकेंगे.

पहले भी तैनात रहा है लंगूर

गत विधानसभा चुनाव के दौरान भी कताई मिल परिसर में ईवीएम को बंदरों से बचाने के लिए लंगूरों को तैनात किया गया था. तत्कालीन डीएम बी. चंद्रकला के निर्देश पर दो लंगूर और दो कर्मचारियों को बंदरों को भगाने में लगाया गया था तो वहीं लंगूरों और कर्मचारियों का मानदेय भी तय किया गया था. हालांकि संदिग्ध परिस्थितियों में एक लंगूर और उसके स्वामी की परिसर में मौत के बाद इन्हें वहां से हटा दिया गया था.

बंदरों के उत्पात को रोकने के लिए मतगणना स्थल पर 2 लंगूरों को मुस्तैद किया गया है. कुछ कर्मचारियों की तैनाती भी मतगणना स्थल पर की गई है, जो परिसर में घूम-घूमकर बंदरों को स्ट्रांग रूम के आसपास से भगाएंगे.

रामचंद्र, एडीएम प्रशासन, मेरठ

मई से शुरू होगी ट्रेनिंग

मतगणना के लिए कर्मचारियों का चयन रेडेमाइजेशन प्रक्रिया के तहत होगा तो वहीं भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर ट्रेनिंग मई प्रथम सप्ताह से आरंभ होगी. डीएम अनिल ढींगरा के निर्देश पर सभी विभागों से ऐसे कर्मचारियों की लिस्ट मांगी गई है जो टेबुलेशन का काम कर सकें.