54 आतंकी गिरफ्तार किए गये बीते तीन सालों में

52 आतंकी पिछले दो सालों के भीतर दबोचे

07 आईएसआई जासूस भी गिरफ्तार, इनमें कई सैन्यकर्मी

11 मामले टेरर फंडिंग के पकड़े गये इस साल

- आईएस पर कसा शिकंजा तो बाकी संगठनों ने यूपी में पसारे पांव

- बीते तीन सालों में अचानक आतंकियों की प्रदेश में बढ़ी आमोदरफ्त

- एनआईए और यूपी एटीएस की सक्रियता के बावजूद जमा रहे जड़ें

pankaj.awasthi@inext.co.in
LUCKNOW: प्रदेश में आतंकी खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते तीन सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि देश को अस्थिर करने की साजिश में लगे आतंकी यूपी में अपनी जड़ें जमाने में लगे हुए हैं। महज तीन साल के भीतर यूपी से 54 आतंकी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किये गये है। इसमें एनआईए के आंकड़े जोड़े जाए तो संख्या ज्यादा हो जाती है। खास बात यह है कि बीते दो सालों के भीतर यूपी में आतंकी संगठनों की आमद अचानक तेजी से बढ़ी है। इसे देख कर सुरक्षा एजेंसियां हलकान तो है पर पूरी मुस्तैदी पर उन पर वार भी कर रही है। सूबे में आईएसआईएस के साथ बब्बर खालसा, जमायत उल मुजाहिदीन बांग्लादेश, हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे संगठन जिस तरह तेजी से अपनी जड़े जमाने में जुटे है जिससे साफ है कि यूपी उनके निशाने पर है। वहीं इसी साल यूपी से टेरर फंडिग के 11 मामलों का खुलासा यह इशारा कर रहा है कि आतंकियों के खाद-पानी का बंदोबस्त भी यहां से बखूबी हो रहा है।

मंडरा रहा आतंकी खतरा
आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य पर आतंकी खतरा मंडरा रहा है। सिर्फ यूपी एटीएस के आंकड़े बताते हैं कि बीते तीन सालों में यूपी में आतंकियों ने अपनी गहरी जड़ें किस तरह जमाई है। इसकी वजह से अचानक सूबे में एनआईए, मिलिट्री इंटेलिजेंस समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियों के ऑपरेशंस में इजाफा भी हुआ है। ज्यादातर आतंकियों की अरेस्टिंग पश्चिमी यूपी से की गई है। जिसके बाद आतंकी खतरे को देखते हुए पूरे पश्चिमी यूपी में इंटेलिजेंस एजेंसियों ने अपना जाल बिछा दिया। वहीं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के जासूसों की सेना में घुसपैठ ने भी सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिये हैं।

पूर्वाचल की ओर किया रुख
पश्चिमी यूपी में इंटेलिजेंस नेटवर्क एक्टिव होने की वजह से आतंकियों ने अब पूर्वी यूपी की ओर रुख किया है। वजह भी साफ है, पूर्वी यूपी में नेपाल से सटा नौतनवा बॉर्डर आतंकियों के लिये मुफीद साबित हो रहा है। राजधानी के ठाकुरगंज इलाके में छिपे आईएसआईएस आतंकी सैफुल्लाह के मारे जाने और उसके साथियों की अरेस्टिंग के बाद इंटेलिजेंस एजेंसियों को जानकारी मिली वह चौंकाने वाली है। सूत्रों का कहना है कि अब पूर्वी यूपी के बड़े शहरों के डेवलपिंग एरिया को आतंकी अपना ठिकाना बना रहे हैं। इन लोगों ने यहां रहकर लखनऊ, कानपुर के अलावा नेपाल सीमा तक अपना जाल फैलाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान से इनके आका नेपाल के रास्ते आतंकी गतिविधियों को संचालित करने के लिये जरूरी सामान व रुपयों की सप्लाई कर रहे हैं।

इन अरेस्टिंग ने बढ़ाई चिंता
हाल के कुछ सालों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्लीपिंग मॉड्यूल के होने का खुलासा हुआ था। बिजनौर में मध्य प्रदेश की जेल से फरार सिमी आतंकियों के रहने का पता चला। एक विस्फोट होने पर उनके द्वारा किराये के मकान को पनाहगाह बनाने की बात पता चली थी। इसके अलावा मेरठ में कुछ साल पहले हुए विस्फोट में सक्रिय रहा सलीम पतला मुरादाबाद से दबोचा गया तो आसिफ को इंटेलिजेंस एजेंसियों ने मेरठ में ढूंढ निकाला। पश्चिमी यूपी के संभल में नक्सलियों से अलकायदा सदस्यों की सक्रियता का खुलासा हुआ था। एनसीआर में इनके स्लीपिंग मॉड्यूल होने की खबर के बाद इंटेलिजेंस एजेंसियों ने भी अपना जाल बिछा दिया। सहारनपुर में बांग्लादेश के आतंकी संगठन अंसारुल्ला बांग्ला टीम के आतंकी की अरेस्टिंग व उसके साथियों द्वारा पासपोर्ट बनवाने की खबर ने भी एजेंसियों को हैरत में डाल दिया। हालांकि, आम पब्लिक के जागरूक होने की वजह से आतंकियों को शरण लेने में अब दिक्कतें आ रही है।

सक्रिय संगठन

लश्कर-ए-तैय्यबा, आईएसआईएस, अंसारुल्ला बांग्ला टीम, बब्बर खालसा, आईएसआई।

निशाने पर शहर

वाराणसी, लखनऊ, सहारनपुर, मुरादाबाद, मेरठ, अलीगढ़, नोएडा, कानपुर, रामपुर।

- आतंकी अब पूर्वी यूपी के बड़े शहरों के डेवलपिंग एरिया को बना रहे हैं अपना ठिकाना

- पूर्वी यूपी में नेपाल से सटा नौतनवा बॉर्डर आतंकियों के लिये मुफीद

- पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते हो रही जरूरी सामान व रुपयों की सप्लाई

अरेस्ट हुए आतंकी और उनके संगठन

आतंकी संगठन 2016 2017 2018

आईएसआईएस 4 7 1

लश्कर-ए-तैय्यबा - 1 -

जमातुल मुजा। बांग्लादेश - - 3

अंसारुल्ला बांग्ला टीम - 1 4

बब्बर खालसा - 4 4

टेरर फंडिंग - - 11

आईएसआई 1 3 3

नक्सल - 6 1